चैत्र नवरात्रि : इन 9 दिनों में करें इनकी पूजा

Tuesday, Apr 02, 2019 - 04:56 PM (IST)

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जैसे कि सब जानते ही होंगे कि इस माह की 6 अप्रैल को देवी दुर्गा का सबसे प्रिय पर्व चैत्र नवरात्रि शुरू हो रहा है। इसके साथ ही लगभग लोगों को ये भी पता होगा कि इस दौरान देवी दुर्गा के नौ दिन में रूपों की पूजा होती है। लेकिन आपको बता दें कि कुछ मान्यताओं के अनुसार 8 दिन देवी की पूजा करने के बाद श्रीराम की पूजा का भी महात्म है, जिससे अधिक लाभ प्राप्त होता है। कहा जाता है कि चैत्र नवरात्रि के 8 दिन मां दुर्गा और 9 वें दिन श्रीराम की पूजा और 9 करना चाहिए।

 वसंत नवरात्रि रामनवमी को होते है समाप्त

मान्यता है कि नवरात्रि के समय जब दोनों रितुओं का मिलने होता है। इस काल में ब्रह्मांड से असीम शक्तियां ऊर्जा के रूप में मानव तक पहुंचती हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मुख्य रूप से दो नवरात्रि को मनाए जाते हैं- चैत्र नवरात्रि और आश्विन नवरात्र। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि शुरू होकर रामनवमी को समाप्त होते हैं। इस वर्ष 2019 में चैत्र नवरात्र, 6 अप्रैल से आरंभ होकर 14 अप्रैल को समापन होगा। कहते हैं ये 9 दिन वातावरण में आध्यात्मिक ऊर्जा भरी रहती है जिस कारण लोग विशिष्ट अनुष्ठान, जप तप आदि करते हैं।

चैत्र नवरात्रि 2019 की तिथि

शनिवार 6 अप्रैल प्रतिपदा तिथि- पहले दिन "घटत्पन", "चंद्र दर्शन" और मां दुर्गा के शैलपुत्री की पूजा की जाती है।

रविवार 7 अप्रैल द्वतीया तिथि- दूसरे दिन "सिंधारा दौज" और माता ब्रह्राचारिणी पूजा की जाती है।

सोमवार 8 अप्रैल तृतीया तिथि- तीसरे दिन "गौरी तेजन या "सौजन्य तीज" के रूप में मां चन्द्रघंटा की पूजा की जाती है।

मंगलवार 9 अप्रैल चतुर्थी तिथि- चौथे दिन "वरद विनायक चौथ" के रूप में मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है।

बुधवार 10 अप्रैल पंचमी तिथि- पांचवा दिन "लक्ष्मी पंचमी", "नाग पूजा" के रूप में मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है।

गुरुवार 11 अप्रैल षष्ठी तिथि- छटवें दिन "यमुना छत" या "स्कंद षष्ठी" के रूप में मां कात्यायनी की पूजा की जाती है।

शुक्रवार 12 अप्रैल सप्तमी तिथि- सातवें दिन "महा सप्तमी" के रूप में मां कालरात्रि की पूजा की जाती है।

शनिवार 13 अप्रैल अष्टमी तिथि- आठवें दिन "दुर्गा अष्टमी" "अन्नपूर्णा अष्टमी" के रूप में माता महागौरी और संधि पूजा की जाती है।

रविवार 14 अप्रैल रामनवमी- अंतिम दिन यानि नौंवें दिन "रामनवमी" के रूप में भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव के रूप में मनाते हुए "सिद्धिंदात्री की महाशय" पूजा की जाती है।

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Jyoti

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