Chaitra Navratri 2024 Day 6: आज पढ़ें मां कात्यायनी की चमत्कारी कथा, जिसको पढ़ने मात्र से ही मिट जाते हैं सारे पाप

Sunday, Apr 14, 2024 - 09:39 AM (IST)

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Chaitra Navratri 2024 Day 6: चैत्र नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा की जाती है। साल 2024 में चैत्र नवरात्रि की छठी नवरात्रि आज यानि 14 अप्रैल को पड़ रही है। हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है। शास्त्रों में मां कात्यायनी का रूप करुणामयी है। बता दें कि देवी ने ऋषि कात्यायन के घर जन्म लिया था। इसी वजह से उन्हें कात्यायनी देवी के नाम से जाना जाता है। शास्त्रों में मां कात्यायनी के स्वरूप का वर्णन मिलता है। मां कात्यायनी का शरीर सोमे की तरह सुनहरा और चमकदार है। मां की सवारी सिंह है, 4 भुजाएं हैं।  मान्यता है कि जो भक्त मां कात्यायनी की सच्चे मन से पूजा करता है, उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। अगर आप भी मां कात्यायनी की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो विधि पूर्वक मां कात्यायनी की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय व्रत कथा का पाठ अवश्य करें या कथा को सुने। इस व्रत कथा को सुनने और पढ़ने मात्र से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।  तो चलिए जानते हैं मां कात्यायनी माता की पूजन विधि और व्रत कथा। 

Vrat Katha of Maa Katyayani मां कात्यायनी की व्रत कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार देव ऋषि कात्यायन मां दुर्गा के परम उपासक थे। मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए एक बार देव ऋषि कात्यायन ने मां की कठोर तपस्या की। ऋषि की तपस्या से प्रसन्न होकर मां प्रकट हो बोलीं, वत्स जो वर मांगना चाहते हो, मांगों ! मां के इतना कहते ही देव ऋषि ने मां भगवती से वर मांगा और कहा कि मां आप मेरे घर पुत्री के रूप में जन्म लो। देव ऋषि की बात सुनकर मां ने उन्हें वर पूरा होने का वरदान दिया। फिर मां दुर्गा ने देव ऋषि कात्यायन के घर पुत्री के रूप में जन्म लिया। और पिता का नाम कात्यायन की पुत्री होने के कारण मां के इस अवतार को कात्यायनी कहा गया है। शास्त्रों में कहा गया है कि मां कात्यायनी की पूजा भगवान राम और श्री कृष्ण ने दी थी। मान्यता है कि गोपियों ने श्री कृष्ण को पति रूप में पाने के लिए माता के इसी रूप की उपासना की थी।

मां कात्यायनी का पूजन कैसे करें- 

नवरात्रि के छठा दिन मां कात्यायनी की पूजा के लिए समर्पित है।
ऐसे में इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होने के बाद नीले रंग के वस्त्र धारण करें।
इस दिन मां श्रृंगार लाल रंग से करें।
इसके बाद विधि-विधान पूर्वक माता कात्यायनी की पूजा करें और उन्हें पीले फूल और शहद अर्पित करें।
विधि विधान से मां कात्यायनी की पूजा करने के बाद उनकी आरती करें और आसपास के सभी लोगों में प्रसाद वितरित करें।

Prachi Sharma

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