Chaitra Navratri 2022: सूर्य का तेज तुझमें समाया है, सारे देवलोक ने तुझको ध्याया है

Friday, Apr 08, 2022 - 12:11 PM (IST)

शास्त्रें की बात, जीनें धर्म के साथ
नवरात्रि में देवी दुर्गा के नवरूपों की पूजा अर्चना का अधिक महत्व माना जाता है। अपनी वेबसाइट के माध्यम से हम आपको कड़ी दर कड़ी माता के नवरूपों से जुड़ी बातें बताते आ रहे हैं। अभी तक हमने आपको स्कंदमाता की पूजन विधि तथा पूजा के बाद होने वाली आरती के बारे में बताया है। अब आगे हम आपको बताने जा रहे हैं, मां कात्यायनी की वंदन आरती के बारे में। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार कात्यायनी की पूजा से विवाह सम्बन्धी समस्याओं से छुटकारा मिलेगा। तो वहीं ज्योतिष में बृहस्पति का सम्बन्ध इनसे माना जाता है। खासतौर पर कहा जाता है कि कन्याओं के शीघ्र विवाह के लिए इनकी पूजा अति उपयोगी मानी जाती है। मनचाहे विवाह और प्रेम विवाह के लिए भी मुख्य रूप से इनकी उपासना की जाती है।


यहां जानें मां कात्यायनी के वंदन आरती-
षष्ठम रूप मैया कात्यायनी
‘महिमावान रूप तुम्हारा है मैया’
नित्य तेरी ज्योत जलाएं माता!!
श्रद्धा के फूल चढ़ाएं माता।
चरणों में शीश झुकाएं माता!!
दिल में तुझको बसाएं माता।।
आरती उतारें सुबह-शाम!!
कात्यायनी माता कात्यायनी माता।।
नित्य तेरी ज्योत...मैया कात्यायनी माता।।
सूर्य का तेज तुझमें समाया है!!
सारे देवलोक ने तुझको ध्याया है।
ऋषि कात्यायन के घर हुआ जन्म!!
ब्रह्मा, विष्णु, महेश करें नमन।।
गले माला भालमुकुट चमकें!!



चूड़ियां बांहों में पांवों पायल छनके!
वर मुद्रा हाथ लहराए माता!!
निर्भयता का पाठ  पढ़ाए माता!!
नित्य तेरी ज्योत...मैया कात्यायनी माता।।
महिषासुर ने किया हराम जीना!!
आंसू खून के पड़े उसे पीना।
सारे दैत्यों का तूने संहार किया!!
खुशियों का तूने संचार किया।।
शुभ फल देने वाली तेरी भक्ति!!
भरती तन-मन में मां तू स्फूॢत।
सारे जग को तू हंसाए माता!!



पाप-संताप जड़ से मिटाए माता।।
नित्य तेरी ज्योत...मैया कात्यायनी माता।।
‘‘झिलमिल अम्बालवी’’ महिमा अपरंपार!!
पूजा से महके घर-संसार।
तेरे दम से दुनिया बसती है!!
लुटाती हर दिशा तू मस्ती है।।
महिमावान रूप तुम्हारा है!!
फैला सारे जग में उजियारा है।
रिश्ते-नाते प्रीत बढ़ाए माता!!
प्रीत मां की हमें जगाए माता।।
नित्य तेरी ज्योत...मैया कात्यायनी माता।।
 

Jyoti

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