स्कंदमाता के रूप को देखकर मोहित हुए मां के भक्त

Friday, Apr 08, 2022 - 11:48 AM (IST)

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नई दिल्ली: मयूरवाहन पर विराजी मां स्कंद माता, मां दुर्गा का पांचवा स्वरूप हैं। स्कंद यानी कार्तिकेय की माता होने की वजह से इनका नाम स्कंदमाता भी पड़ा। पांचवें नवरात्रि के दौरान भक्त मां का यह रूप देखकर काफी मोहित हुए। मां का विधिपूर्वक श्रृंगार कर पूजा-अर्चना विधि-विधान से की गई थी। चतुर्भुजी मां के दर्शन के लिए सुबह से ही मंदिर के पट खोल दिए गए थे और सुबह से ही भारी संख्या में भक्त दर्शनों के लिए पहुंचे थे।

प्राचीन ऐतिहासिक झंडेवाला देवी मंदिर के नवरात्र मेले में पूरे मंदिर परिसर को बेहद खूबसूरत तरीके से सजाया गया है। भक्तों का मां के प्रति उत्साह देखते ही बनता है, मंदिर के सेवादार भक्तों को मां के दर्शन सुचारू रूप से करवाने के लिए पूरी तरह तत्पर नहर आए। वो इंट्री गेट से लेकर एक्जिट गेट तक भक्तों का मार्गदर्शन करते हुए दिखाई देते हैं। वहीं मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों से भी मंदिर प्रशासन के ये सेवादार पूरी तरह पालन करवाते दिखे। यही वजह है कि इस मंदिर को स्वच्छता, व्यवस्था व आस्था के लिए देश के टॉप देवी मंदिरों में गिना जाता है।



मां की महिमा
मैं बचपन से ही रखता हूं व्रत : रंजन शर्मा
मां का महत्व मेरे जीवन में वही है जो एक मां का अपने बेटे या बेटी से होता है। मुझे यह नवरात्रि के नौ दिन बहुत अच्छे लगते हैं। मैंने बचपन से ही व्रत शुरू कर दिए थे। मुझे माता की कृपा से चार बेटियां हैं, मां सदैव अपने बच्चों का ध्यान रखती है।

व्रत रखने से मिलती है मन को शांति : राजेश
व्रत रखने से हमारे मन को बहुत शांति मिलती है और मन प्रफुल्लित रहता है। यही नहीं मां दुर्गा का आशीर्वाद हमारे पूरे परिवार पर है क्योंकि हमारा पूरा परिवार नवरात्रि का व्रत बड़े धूमधाम के साथ और विधि-विधान के साथ हर साल मनाता है।



पूजा से  होती है सुख की अनुभूति:  गिरीशभवानी
माता रानी की शरण में हमेशा से ही सुख की अनुभूति होती है। माता रानी हमेशा ही सभी की समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करती है चाहे वो मां की भक्ति करता हो या फिर नहीं। मां कभी किसी से भेदभाव नहीं करती।

माता के दरबार में जाने  से मनोकामना होती है पूरी : वेद
नवरात्रों की सभी को शुभकामनाएं देता हूं और सभी से हमेशा कहता हूं कि माता के दरबार में सबको एक बार जरूर जाना चाहिए क्योंकि माता रानी दरबार में जाने वालों की मनोकामना जरूर पूरी करती हैं। मां के दरबार में जो मांगता है उसे मां कभी खाली हाथ नहीं लौटाती हैं, बस मांगना मन से है।

Jyoti

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