5th Chaitra Navratri 2022: केश काले मुकुट लहराए माता, पुष्प हाथों में सजाए माता

Wednesday, Apr 06, 2022 - 11:28 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आज पांचवें नवरात्रि के उपलक्ष्य में देशभर में देवी दुर्गा के पांचवें स्वरूप देवी स्कांदमाता की पूजा की जा रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसारस्कन्दमाता भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती हैं। इन्हें मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता के रूप में पूजा जाता है। हिंदू धर्म  शास्त्रों में मां स्कंदमाता की आराधना का काफी महत्व बताया गया है। इनकी उपासना से भक्त की सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। भक्त को मोक्ष मिलता है, सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी होने के कारण इनका उपासक अलौकिक तेज और कांतिमय हो जाता है। कहा जाता है मन को एकाग्र रखकर और पवित्र रखकर इस देवी की आराधना करने वाले साधक या भक्त को भवसागर पार करने में कठिनाई नहीं आती है। इसके अतिरिक्त स्कंदमाता की कृपा से संतान के इच्छुक दंपत्ति को संतान सुख की प्राप्ति भी हो सकती है। तो आइए जानते हैं मां की वंदन आरती, जिसका जप करने से जीवन की मुसीबतें कम होती हैं।

‘ममता की लुभावनी मूरत हो तुम’
नित्य तेरी ज्योत जलाएं माता!!
श्रद्धा के फूल चढ़ाएं माता।
चरणों में शीश झुकाएं माता!!
दिल में तुझको बसाएं माता।।
आरती उतारें सुबह-शाम!!
मैया स्कंदमाता मैया स्कंदमाता।।
नित्य तेरी ज्योत...मैया स्कंदमाता।।
सारी दुनिया तेरी दीवानी है!!
बहे चरणों में गंगा पानी है।
ममता की लुभावनी मूरत हो!!
चंदा-सी चमकती सूरत हो।।
गोदी  में बालरूप कार्तिकेय भगवान!!
करें झुक-झुक कर प्रणाम।
केश काले मुकुट लहराए माता!!
पुष्प हाथों में सजाए माता।।
नित्य तेरी ज्योत...मैया स्कंदमाता।।


हीरे जड़े कंगन पहने!!
कुंडल पाजेबें मांग टीका अनमोल गहने।
पीले शेर की सवारी करती!!
भक्तों की हर आस पूरी करती।।
तेरा वास है दसों दिशाओं में!!
वादियों में रंगीन फिजाओं में।
सारा देवलोक तुझे ध्याय माता!!
करें पूजा परम सुख पाता।।
नित्य तेरी ज्योत...मैया स्कंदमाता।।
‘‘झिलमिल अम्बालवी’’ प्यार दो!!
हमको खुशियों का संसार दो।
हम भी मां तेरे चाहने वाले हैं!!
भेंटें लिखने!! गाने वाले हैं।।
मन का गुलशन महका दो!!
राह हमें सत्कर्मों की दिखला दो।।
लाल चुनरिया नारियल लाएं माता!!
सुकूं शांति दर से पाएं माता।।
नित्य तेरी ज्योत...मैया स्कंदमाता।।

Jyoti

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