Canterbury Cathedral: आइए करें आध्यात्मिक यात्रा

Thursday, Jun 11, 2020 - 10:18 AM (IST)

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Canterbury Cathedral: इंगलैंड की राजधानी लंदन के निकट प्राचीन चर्च नगर कैंटरबरी में स्थित मध्यकालीन कैंटरबरी-कैथेड्रल एक ऐतिहासिक स्थल होने के साथ-साथ अब हजारों की संख्या में पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करने वाला एक आधुनिक नगर है। कैथेड्रल के अतिरिक्त यहां विभिन्न उल्लेखनीय पर्यटक स्थल हैं जो संस्कृति और विरासत का मिश्रण हैं। इस ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल की खोज-यात्रा पर पैदल चलना ही सर्वोत्तम चयन है, इसलिए कार पार्किंग में छोड़ भव्य, घुमावदार, पत्थर की काबल्ड-गलियों पर चलना बहुत रोमांचक है। यहां के म्यूजियम और अंग्रेजी टी-शॉप्स भी दर्शनीय हैं।



ये एक प्राचीन रोमन नगर था। 54 ईसा पूर्व में कैंटरबरी के निकट प्रसिद्ध रोमन सम्राट और योद्धा जूलियस-सीजर भी आए थे और 150 ए.डी. से यह एक समृद्ध रोमन नगर बन गया था।

1700 वर्ष पूर्व कैंटरबरी एक क्रिश्चियन तीर्थ स्थल के रूप में विकसित हुआ जो आज एक महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल भी है। मध्यकाल में कैंटरबरी की तुलना रोम (इटली) और यरुशलम (जीसस का जन्म स्थान) से की जाती थी। दोनों नगर ईसाइयों के प्रमुख धाम हैं। यह इंगलैंड का सबसे पुराना चर्च है जिसका इतिहास 597 ए.डी. में लिखा गया। रोमन शासकों के युग की समाप्ति पर पोप ने संत ऑगस्टीन को ईसाई धर्म की पुन: स्थापना के लिए इंगलैंड भेजा, जिसके पश्चात कैंटरबरी चर्च स्थापित हुआ। कैंटरबरी के आर्कबिशप इंगलैंड के प्रमुख बिशप हैं। कैथेड्रल शब्द- कैथिड्रा मूल शब्द से अवतरित है जिसका अर्थ कुर्सी है। यूं तो इंगलैंड में अनेक सदियों पुराने कैथेड्रल हैं परंतु आर्क बिशप की गद्दी वाला कैंटरबरी प्रमुख कैथेड्रल है।


कैंटरबरी कैथेड्रल
फैशनेबल स्टोर्स और चाय-कॉफी की दुकानों के आगे से होते हुए एक संकरी गली में से निकलकर एकदम से खुला स्थान है जो कैंटरबरी-कैथेड्रल का मुख्य द्वार है। उसके पीछे नीले आकाश को छूते लंबे, संकरे होते टॉवर हैं जो गॉथिक शिल्पकला से बने कैथेड्रल का भाग हैं जो रोमन, फ्रैंच और अंग्रेजी आर्कीटैक्चर का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। मध्यकालीन मुख्य इमारत में समय-समय पर नवनिर्माण कर नवीन भाग जोड़े गए हैं। बाहर, विशाल बैल (घंटी) वाला बैल-हैरी-टॉवर उल्लेखनीय ढांचा है जो 1500 ए.डी. में मुख्य चर्च भवन से जोड़ा गया।

कैथेड्रल के भीतर, एक बहुत बड़े नक्काशी वाले द्वार में प्रवेश करने पर मनुष्य के हृदय और मस्तिष्क दोनों, प्रत्येक धार्मिक सीमा को पार कर अपने को उल्लासपूर्ण ईश्वरीय उपस्थिति में पाते हैं। लंबी नेव का आकर्षक और मनभावन दृश्य मन को मोह लेते हैं। पारंपरिक रूप से प्रत्येक चर्च क्रास (ईसा-मसीह की सूली का चिन्ह) के रूप में निर्मित किया जाता है और जो क्रास का लंबा भाग है वही हर चर्च का केंद्रीय लंबा कारीडोर होता है और नेव कहलाता है। नेव के एक ओर उत्तम संगमरमर की काली-सफेद सीढिय़ां से मुख्य पूजा स्थल पर पहुंचा जा सकता है। 1995 ए.डी. में जीर्णोद्धार के समय जब नेव की खुदाई हुई तो उसके नीचे से आश्यर्चजनक अवशेष प्राप्त हुए जो पुराने सैक्सन कैथेड्रल के ढांचे के अंश थे। सैक्सन-राजवंश जर्मन मूल के थे जिन्होंने इंगलैंड को पांचवीं शताब्दी में जीतकर अपने साम्राज्य की स्थापना की थी। सैक्सन्स ने मजबूत प्राचीन रोमन-रोड पर अपना चर्च बनवाया ताकि उसकी नींव पक्की और टिकाऊ हो।



नेव से सीधा आगे चलते हुए चर्च के कौयर में नेव के लैवल से कुछ ऊंचा कौयर के ठीक नीचे कैंटरबरी-कैथेड्रल का महत्वपूर्ण आध्यात्मिक स्थल-कृप्ट है। कौयर का आर्कीटैक्चर वास्तुशिला का उत्तम रूप है जिसमें 297 मीटर ऊंची मेहराबें और साथ निर्मित ऊंचे स्तंभ ध्यान खींचते हैं।

गिरजाघर में प्रार्थना सभा के समय में वैभवशाली कौयर में अलौकिक संगीत बजाया जाता है। कौयर चर्च की गायन मंडली के लिए नियत स्थान है। यहां पर अत्यधिक रोचक डिस्प्ले है। 12 वीं शताब्दी से सुरक्षित स्टेन्ड-ग्लास-विंडो या रंगीन कांच की खिड़कियां हैं। स्टेन्ड-ग्लास, एक हजार वर्ष पुरानी मूल्यवान कला है जिसमें अनगिनत, बारीक, रंगीन कांच के टुकड़ों से कोई धार्मिक दृश्य या अन्य डिजाइन, विशाल पैनल के रूप में बनाए जाते हैं जो बाद में, पारंपरिक रूप से चर्च कैथेड्रल में या महत्वपूर्ण भवन में विशाल खिड़कियों का रूप लेते हैं। कड़े परिश्रम से निपुण कलाकारों द्वारा बनाया कांच स्टेन्ड-ग्लास के नाम से प्रसिद्ध है।


अति उत्तम नक्काशी वाले स्क्रीन (झरोखे) और पिलर (स्तंभ) के आगे से निकलते हुए, संत थामस-बैकेट की श्राइन (समाधि) स्थल है। वहां फर्श पर लिखा है 1220 ए.डी. से 1538 ए.डी. तक इस स्थान पर संत बैकेट की समाधि थी। जिसे तब के क्रूर राजा हैनरी-अष्टम ने ध्वस्त करवा दिया था। साथ ही पुरानी समाधि का स्कैच भी लगा है। सर थामस बैकेट कैंटरबरी के आर्क बिशप थे जब 1170 ए.डी. में उनकी षड्यंत्रपूर्ण ढंग से हत्या कर दी गई। उन्हें मरणोपरांत संत और शहीद की उपाधि से सम्मानित किया गया था। 14वीं शताब्दी में लिखे इस काव्य संग्रह में गद्य और पद्य, दोनों का प्रयोग किया गया है।

कैथेड्रल में अन्य अनेक श्राइन या समाधियां हैं। 596 ईस्वी में पोप द्वारा रोम से भेजे गए कैंटरबरी के प्रथम आर्क बिशप संत बैकेट और संत ऑगस्टीन की समाधियां इनमें मुख्य हैं।

1100 ईस्वी में बनवाई क्रिप्ट कैंटरबरी कैथेड्रल का विशाल तहखाना जिसमें मदर मेरी की प्रतिमा है। कहते हैं कम प्रकाश होते हुए भी यह स्थान कई सौ दीपकों के प्रकाश जैसा जगमगाता रहता है। रॉट-आयरन के अनगिनत स्टैंड्स पर दीपकों की पक्तियां मानो जीवन के अंधेरों को दूर भगा देती हैं। ये दीपक सैंकड़ों पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों की कामना-पूर्ति और ईश्वर को धन्यवाद के प्रतीक हैं। मदर मेरी और शिशु जीसस की प्रतिमाएं यहां 20वीं शताब्दी में लगवाई गईं क्रिप्ट का मुख्य आकर्षण हैं।



इसके अतिरिक्त पूरे क्रिप्ट के स्तम्भों और आर्चिस की सुंदर डिजाइनिंग है और रोमन शैली की मूर्तिकला का प्रयोग भी उत्तम है। 1200 ईस्वी तक यहां संत थामस बैकेट को दफनाया गया था जिसके बाद उनकी समाधि, ऊपर नेव और कौयर की मंजिल पर बनवाई गई।

इसके अतिरिक्त परम्परा के अनुसार गिरजाघर की क्रिप्ट में अनेक संतों को दफनाया जाता रहा है जिनकी पवित्र आत्माओं का आशीर्वाद प्राप्त करने दूर-दूर से लोग आते हैं।

आज कैंटरबरी कैथेड्रल एक वर्ल्ड-हैरीटेज साइट है जिसके अंतर्गत पुराने भवनों और स्थलों को युनैस्को द्वारा विशेष संरक्षण प्राप्त होता है। इससे इन्हें भविष्य के लिए बचाया जा सकता है। यहां इंटरनैशनल स्टडी सैंटर है, जहां संसार भर से पढ़ाई और रिसर्च के लिए बुद्धिजीवी आते हैं।

अन्य पर्यटक स्थलों में प्रमुख हैं यहां के म्यूजियम। लेखक जॉफरी चौसर की ‘द कैंटरबरी टेल्स’ से संबंधित इस संग्रहालय में प्रवेश कर ऐसा प्रतीत होता है मानो 14वीं शताब्दी में पहुंच गए हों।

Niyati Bhandari

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