रामायण का पाठ करने से पाप की खेती सूखती है: पूज्य कृष्ण विज

Monday, Mar 19, 2018 - 10:09 AM (IST)

जालंधर, (पांडे): श्री रामशरणम् आश्रम 17 लिंक रोड द्वारा साईं दास स्कूल की ग्राऊंड में आयोजित 8 दिवसीय रामायण ज्ञान यज्ञ का प्रारम्भ पूज्य कृष्ण विज जी ने मंगलाचरण से किया। इस मौके पर पूज्य रेखा जी ने सर्व शक्ति मते परमात्मने श्री रामाय नम: मंत्र के साथ स्वामी सत्यानन्द जी द्वारा रचित श्री वाल्मीकि रामायण की चौपाइयों का पाठ प्रारम्भ किया। चौपाइयों की व्याख्या करते हुए पूज्य कृष्ण जी ने कहा कि जालंधर की पावन धरती पर पावन नवरात्रों के दिन आरम्भ हो चुके हैं। इन दिनों में रामायण का पाठ करने से पाप की खेती सूखती है और पुण्य की खेती फलती है। विघ्न-बाधाएं दूर होती है। उन्होंने कहा कि रामायण ही है जिसने हिंदू संस्कृति को जिन्दा रखा है। रामायण को मन्दिर समझ कर परायण करने से उस परम पिता के दर्शन होते हैं और वास्तविक फल प्राप्त किया जा सकता है। रामायण की चौपाइयों की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि चित्रकूट की धरती पर चोरों ओर महर्षि वाल्मीकि जी ने राम नाम का दीपक जगा दिया। नारद-वाल्मीकि संवाद को आगे बढ़ाते हुए पूज्य कृष्ण जी ने कहा कि वाल्मीकि जी के पूछने पर नारद जी ने कहा कि इस पृथ्वी पर एक व्यक्ति में सब गुणों का होना सम्भव नहीं है फिर भी राम जी ऐसे हैं जिनमें सभी गुण हैं। कथा प्रसंग के पहले ही दिन हजारों साधकों ने भाग लिया। इस दौरान पूज्य रेखा जी ने अपने मुखारङ्क्षबद से सब पर राम नाम की अमृत वर्षा की। इस मौके पर विशेष रूप से श्री रामनवमी उत्सव कमेटी के महासचिव अवनीश अरोड़ा, रवीश सुगन्ध, पवन भोढी सहित भारी संख्या में गण्यमान्य शामिल हुए।

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