Budh Purnima 2020: जानिए क्या है बुद्ध जयंती की खासियत

Wednesday, May 06, 2020 - 06:27 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
7 मई यानि वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा के साथ-साथ वैसाख पूर्णिमा का त्यौहार मनाया जाएगा। शास्त्र के अनुसार इस दिन का बेहद महत्व है। बता देें भगवान गौतम का जन्म हुआ था इसी दिन उन्हें ज्ञान की प्राप्ति भी हुई थी। धार्मिक ग्रंथों की मानें तो ये भगवान विष्णु के नौवें अवतार हैं। जिस कारण इस दिन को बहुत ही पावन बना जाता है। तो चलिए जानते हैं भगवान बुद्ध के बारे में कुछ खास बातें सारी साथ जानेंगे इस दिन का महत्व।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूर्णिमा पूर्णिमा के दिन महात्मा बुद्ध को गया की बुद्धि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी इनका बचपन का नाम सिद्धार्थ था तथा उनके अनुसार इन्होंने अपना राजसी ठाठ बाट छोड़कर 7 सालों तक सत्य की खोज की और अपनी कठोर तपस्या से इन्होंने सत्य को खोज निकाला। जिसके बाद उन्होंने इस संदेश को पूरी दुनिया तक पहुंचाया।
प्रचलित किंवदंतियोंं की मानें तो बुद्ध भगवान सन्यासी बनने से पहले कपिलवस्तु के राजकुमार सिद्धार्थ के नाम से जाने जाते थे। इन्होंने शांति और सत्य की खोज के लिए अपनी 27 वर्ष की आयु में घर परिवार को त्याग दिया और भ्रमण करने लगे, भ्रमण करते-करते एक दिन यह सारनाथ पहुंचे जहां उन्होंने धर्म परिवर्तन कर लिया। कहा जाता हैं इन्होंने यहीं बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे कठोर तपस्या की, जिसके बाद उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे पूरे दुनिया भर में गौतम बुद्ध के नाम से प्रचलित हुए। स्वयं इन्होंने सत्य की ज्योति की प्राप्ति की प्रेरक जीवन जिया और फिर दुनिया में बुराइयों के खिलाफ आवाज बुलंद की।

कहां जाता है उस समय के अशोक सम्राट ने भी बौद्ध मत को स्वीकार किया और युद्ध पर रोक लगा दी थी इस प्रकार वोदमत देश ही नहीं बल्कि दुनिया के हर कोने में अपनी ज्योति चलाने लगा कहा जाता है कि गौतम बुद्ध ने लगभग 40 वर्ष तक घूम घूम कर अपने सिद्धांतों का प्रचार किया जिसमें उन्होंने समाज के सभी वर्गों को समानता के आधार पर सम्मिलित किया।

कहां बनाई जाती है बुद्ध जयंती
वर्तमान समय की बात करें तो भारत के साथ-साथ चीन नेपाल, सिंगापुर, वियतनाम, थाईलैंड, जापान, कंबोडिया,  मलेशिया, श्रीलंका, म्यांमार, इंडोनेशिया, तथा पाकिस्तान जैसे दुनिया के कई देशों में इस दिन बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है।

तो वहीं भारत के बिहार राज्य में स्थित बौद्ध गया न केवल बौद्ध अनुयायियों के लिए बल्कि हिंदुओं के लिए भी एक पवित्र स्थल है। मान्यताओं के अनुसार भूतनी आई इस दिन अपने घरों में दिए जलाकर फूलों से पूरे घर को सजाते हैं।

Jyoti

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