Budh Pradosh Vrat 2025: महादेव के प्रिय प्रदोष व्रत पर इन मंत्रों से करें साधना, होगा हर कार्य सिद्ध
punjabkesari.in Wednesday, Aug 06, 2025 - 01:44 PM (IST)
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Budh Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित एक अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे हिंदू धर्म में बड़े श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है, खासतौर पर शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को अधिक शुभ माना जाता है। वर्ष 2025 में भी प्रदोष व्रत का महत्व और बढ़ जाता है क्योंकि यह व्रत जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और इच्छाओं की पूर्ति का सशक्त माध्यम है। आज 6 अगस्त को बुध प्रदोष का व्रत रखा जा रहा है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की संयुक्त पूजा के लिए समर्पित है। कहा जाता है कि प्रदोष काल में शिव-परिवार की आराधना से घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और जीवन में तरक्की के द्वार खुलते हैं।

भगवान शिव मंत्र
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।
उज्जयिन्यां महाकालं ओम्कारम् अमलेश्वरम्॥
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।
सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।
हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः।।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
नमामिशमीशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद स्वरूपं।।
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।

Benefits of chanting mantras मंत्र जाप से होने वाले लाभ
प्रदोष व्रत पर शिव मंत्रों का जाप भक्त के जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करता है। जो कार्य अधूरे या अटक गए हों, उनमें सफलता मिलती है।
महामृत्युंजय मंत्र के जाप से शरीर और मन दोनों में सकारात्मक बदलाव आता है। तनाव कम होता है और रोग-व्याधि से मुक्ति मिलती है।
भगवान शिव की उपासना से मन शांत और केंद्रित होता है। जीवन में आध्यात्मिक जागरण होता है और भक्त को परम शांति मिलती है।
शिवजी की पूजा और मंत्र जाप से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं, जीवन में अनिष्ट से सुरक्षा मिलती है।

