Kundli Tv- ब्रह्मवैवर्त पुराण: इन कामों को करने से आपकी जीवन पर भी मंडरा सकता है मौत का साया

Wednesday, Nov 07, 2018 - 01:36 PM (IST)

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हिंदू धर्म के शास्त्रों व ग्रंथों में मानव जीवन के सुख-समृद्धि के लिए कई बातें बताई गई है। इसमें एेसे कई सूत्र बताए गए हैं, जिनका पालन करने से हर किसी का जीवन खुशहाल हो सकता है। तो आइए आज बात करते हैं हिंदू धर्म के ब्रह्मवैवर्त पुराण में दिए गए एेसे नियमों के बारे में जिन्हें हर स्त्री-पुरुष को अपनाना चाहिए। आपकी जानकारी के लिए बता दें ब्रह्मवैवर्तपुराण पुराण एक वैष्णव पुराण है। इस पुराण के केंद्र में भगवान श्रीहरि और श्रीकृष्ण हैं। यह चार खंडों में विभाजित है जिसमें से पहला ब्रह्म खंड है, दूसरा प्रकृति खंड है, तीसरा गणपति खंड है और चौथा श्रीकृष्ण जन्म खंड है। 

इन तिथियों को न करें मांसाहारी भोजन का सेवन
हिंदू पंचांग के अनुसार किसी भी माह की अमावस्या, पूर्णिमा, चतुर्दशी और अष्टमी तिथि पर स्त्री संग, तेल मालिश और मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार इसे अच्छा नहीं माना गया। 

ज़मीन पर न रखें ये चीज़ें 
मान्यताओं के अनुसार दीपक, शिवलिंग, शालग्राम (शालिग्राम), मणि, देवी-देवताओं की प्रतिमाओं, यज्ञोपवीत, सोना और शंख को कभी भी सीधे ज़मीन पर नहीं रखना चाहिए। इन्हें नीचे रखने से पहले कोई कपड़ा बिछाएं या किसी ऊंचे स्थान पर रखें।

दिन के समय न करें समागम
माना जाता है सुबह-शाम का समय पूजा का समय होता है, इसलिए स्त्री-पुरुष को कभी भी इस समय समागम नहीं करना चाहिए। जो लोग इसके बारे में पता होने के बाद भी यह काम करते हैं, उन पर कभी महालक्ष्मी की कृपा नहीं होती। इतना ही नहीं कई प्रकार के रोगों का भी सामना करना पड़ता है। साथ ही, इसे पुण्यों का विनाश करने वाला कर्म भी माना गया है।

पुरुष रखें इन बातों का ध्यान 
किसी भी पुरुष को कभी भी किसी पराई स्त्री को बुरी नज़र से नहीं देखना चाहिए। कभी भी मल-मूत्र को भी नहीं देखना चाहिए। ब्रह्मवैवर्तपुराण के अनुसार ये काम विनाश की ओर ले जाते हैं। इनसे दरिद्रता बढ़ती है।

स्त्रियां रखें इन बातों का ध्यान
कुछ स्त्रियां अपने पति को डांटती हैं, सताती हैं, पति की आज्ञा का पालन नहीं करती, सम्मान नहीं करती, उनके पुण्य कर्मों का नाश हो जाता है। ब्रह्मवैवर्तपुराण के अनुसार जो स्त्रियां वाणी द्वारा दुख पहुंचाती हैं वे अगले जन्म में कौए का जन्म पाती हैं। इसके साथ ही बता दें कि पति के साथ हिंसा करने वाली स्त्री का अगला जन्म सूअर के रूप में होता है। 

ऐसे लोगों से बनाएं दूरी 
शास्त्रों के अनुसार बुरे चरित्र वाले इंसान के साथ एक स्थान पर सोना, खाना-पीना, घूमना-फिरना वर्जित किया गया है। क्योंकि जिस तरह पानी पर तेल की बूंद गिरते ही वह फैल जाती है, ठीक उसी प्रकार बुरे चरित्र वाले व्यक्ति के संपर्क में आते ही बुराइयां हमारे अंदर प्रवेश करने लगती हैं।

सूर्य-चंद्र को अस्त होते समय न देखें
सूर्य और चंद्र को अस्त होते समय नहीं देखना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार यह अपशकुन माना जाता है। ऐसा करने पर आंखों से संबंधित रोग होने की संभावनाएं ज्यादा रहती हैं। इसके विपरीत सूर्य को उदय होते समय देखना बेहद फायदेमंद होता है। इसी वजह से प्राचीन समय से सुबह जल्दी उठने की परंपरा प्रचलित है।

भूलकर भी न करें इनका अनादर
ब्रह्मवैवर्त पुराण के मुताबिक मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति में पिता, माता, पुत्र, पुत्री, पतिव्रता पत्नी, श्रेष्ठ पति, गुरु, अनाथ स्त्री, बहन, भाई, देवी-देवता और ज्ञानी लोगों का अनादर नहीं करना चाहिए। इनका अनादर करने पर अगर व्यक्ति धन कुबेर भी हो तो उसका खज़ाना खाली हो जाता है।

दान का संकल्प
अगर कोई व्यक्ति किसी को दान देने का संकल्प करता है तो उसे इस संकल्प को तय तिथि पर किसी भी परिस्थिति में पूरा करना चाहिए। माना जाता है कि दान देने में अगर एक भी दिन का विलंब होता है तो दुगुना (दोगुणा) दान देना चाहिए। मान्यता है कि अगर एक माह का विलंब होता है तो दान सौगुना हो जाता है। दो माह बितने पर दान की राशि सहस्त्रगुनी यानि हज़ार गुना हो जाती है। अतः दान के लिए जब भी संकल्प करें तो तय तिथि पर दान कर देना चाहिए।

ध्यान रखें ये बातें
स्त्री हो या पुरुष, सुबह उठते ही दोनों को अपने इष्टदेव का ध्यान करते हुए दोनों हथेलियों को देखना चाहिए। इसके बाद ज्यादा समय तक बिना नहाए नहीं रहना चाहिए और रात में पहने हुए कपड़ों को जल्दी बदल लेना चाहिए।

रविवार को रखें इन बातों को न भूलें
रविवार के दिन कांस्य के बर्तन में खाना नहीं खाना चाहिए। इस दिन मसूर की दाल, अदरक, लाल रंग की खाने की चीजें भी नहीं खाना चाहिए।
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Jyoti

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