ब्रह्मवैवर्त पुराण: श्री हरि से लेकर स्वर्ग के राजा तक करेंगे आपकी सुरक्षा

Tuesday, Feb 27, 2018 - 01:48 PM (IST)

पुराणों में सुखद जीवन के निर्वाह हेतु बहुत सारे उपाय बताए गए हैं। जिन्हें अपनाकर सुख, प्रेम और शांति का वरदान पाया जा सकता है। लक्ष्मी का आना-जाना तो लगा रहता है क्योंकि वो चंचला हैं कभी किसी के पास स्थिर होकर नहीं रहती। श्रीकृष्ण की प्राणप्रिया राधारानी के 32 नामों का स्मरण करने वाला उनकी गोद में बैठ कर असीम स्नेह का अधिकारी बनता है। ब्रह्मवैवर्त पुराण में भगवान विष्णु अपने मुखारविंद से कहते हैं, यदि कोई जीव अनजाने में भी राधा कहता है तो मैं सुदर्शन चक्र लेकर उसके आगे चलता हूं ताकि कोई भी संताप उसके मार्ग में न आए। पीछे देवों के देव महादेव अपना त्रिशूल लेकर चलते हैं। दाईं ओर स्वर्ग के राजा इंद्र वज्र लेकर चलते हैं और बाईं ओर वरुण देव छत्र लेकर साथ रहते हैं। हर दिन हर पल करें इन नामों का सिमरण


मृदुल भाषिणी राधा

सौंदर्य राषिणी राधा

परम पुनीता राधा

नित्य नवनीता राधा

रास विलासिनी राधा

दिव्य सुवासिनी राधा

नवल किशोरी राधा

अति ही भोरी राधा

कंचनवर्णी राधा

नित्य सुखकरणी राधा

सुभग भामिनी राधा

जगत स्वामिनी राधा

कृष्ण आनन्दिनी राधा

आनंद कन्दिनी राधा

प्रेम मूर्ति राधा

रस आपूर्ति राधा

नवल ब्रजेश्वरी राधा

नित्य रासेश्वरी राधा

कोमल अंगिनी राधा

कृष्ण संगिनी राधा

कृपा वर्षिणी राधा

परम हर्षिणी राधा

सिंधु स्वरूपा राधा

परम अनूपा राधा

परम हितकारी राधा

कृष्ण सुखकारी राधा

निकुंज स्वामिनी राधा

नवल भामिनी राधा

रास रासेश्वरी राधा

स्वयं परमेश्वरी राधा

सकल गुणीता राधा

रसिकिनी पुनीता राधा

कर जोरि वन्दन करूं मैं, नित नित करूं प्रणाम रसना से गाते रहें श्री राधा राधा नाम।

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