OMG! यहां एक ही मूर्ति में दिखते हैं गणपति और हनुमान

Tuesday, Jun 18, 2019 - 01:59 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
भगवान में मानने वालों की दुनिया में कोई कमी नहीं हैं तो वहीं नास्तिक लोगों की गिनती भी बहुत हैं। अब नास्तिक शब्द सुनते ही सभी के दिमाग में यही आती है जो लोग भगवान के होने में विश्वास नहीं रखते उन्हें नास्तिक कहा जाता है। लेकिन ऐसा नहीं है दरअसल नास्तिक वो होते हैं जो केवल अपनी आंखों देखी चीज़ों पर विश्वास करते हैं।

इस मंदिर में आज भी बजरंगबली कर रहे हैं नृत्य (VIDEO)

उन्हें मानना होता है जब तक वो खुद कोई चमत्कार या कोई चमत्कारी चीज़ न देख लें उनका किसी पर भी विश्वास करना थोड़ा मुश्किल होता है। तो आज हम आपके लिए कुछ ऐसा ही लेकर आएं हैं जिससे शायद आप लोगों को विश्वास होने लगेगा कि भगवान का स्वरूप निराकार है।

वैसे तो ईश्वर हमें दिखाई नहीं देते, लेकिन वो प्राचीन समय से लेकर आज तक अपनी शक्ति का एहसास अपने भक्तों को करवाते आ रहे हैं। एक ऐसा ही मंदिर हैं जो इस बात का प्रमाण है। जी हां मध्यप्रदेश के शाजापुर के बोलाई में हनुमान जी का एक मंदिर स्थित है, जो अपने चमत्कारिक शक्तियों के लिए पूरे देश में सुप्रसिद्ध है। मान्यता है कि यहां एक ही मूर्ति में हनुमान जी और गणेश जी विराजमान हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर के सामने से जब कोई ट्रेन गुज़रती है तो उसकी रफ़्तार अपने आप कम हो जाती है। कहा जाता है इस वजह से यहां कोई भी ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होने से बच जाती है। परंत ऐसा होता क्यों है इसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते होंगे। तो आइए जानते हैं इससे जुड़ी खास बातें-

बोलाई के इस मंदिर को सिद्धवीर खेड़ापति हनुमान मंदिर के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि यह मंदिर करीब 300 साल पुराना है, जहां भक्तों का तांता लगा रहता है। कहा जाता है ये देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां हनुमान जी और गणेश साथ विराजमा हैं। मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा के बाईं तरफ़ भगवान गणेश विराजमान हैं। धार्मिक मान्यता के मुताबिक गणपति और पवनपुत्र  का एक साथ होना बहुत शुभ है।

इस हनुमान मंदिर में जाने के ख्याल से ही मिल जाती है जीत (VIDEO)

सिद्धवीर खेड़ापति हनुमान मंदिर रतलाम-भोपाल रेलवे ट्रैक के बीच भोलाई स्टेशन से करीब 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर से कई चमत्कार जुड़े हैं। सबसे बड़ा चमत्कार यह है कि जब भी कोई ट्रेन मंदिर के सामने से गुज़रती है तो उसकी रफ़्तार खुद धीमी हो जाती है। ट्रेन के लोको पायलट का कहना है कि मंदिर आने से पहले ही उसे ऐसा आभास हुआ कि कोई उसे ट्रेन की रफ़्तार धीमी करने के लिए कह रहा है। कहा जाता है जो ड्राईवर यहां ट्रेन की गति को धीमा नहीं करता तो ट्रेन की स्पीड अपने आप कम हो जाती है।

एक ऐसा मंदिर जहां गणपति का है Letter Box (VIDEO)

 

Jyoti

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