भौम प्रदोष व्रत: पूजन के बाद ज़रूर करें ये काम, वरना अधूरी रह जाएगी आपकी आराधना

Tuesday, May 05, 2020 - 01:28 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आज यानि 05 अप्रैल, वैसाख मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का अधिक महत्व है। इस दिन का शास्त्रों में अधिक महत्व बताया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन देवों के देव महादेव भोलेनाथ की पूजा करने से हर तरह की मनोकामना पूरी होती है। हिंदू धर्म के ग्रंथों के साथ-साथ ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि जो व्यक्ति गोधूली बेला प्रदोष काल में शिव जी का पूजन करना अति लाभ प्राप्त होता है। तो वहीं इसमें बताया गया है कि दिन के अनुसार प्रदोष व्रत का अलग नाम होता है। जिसके मुताबिक आज यानि मंगलवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। आइए जानते हैं प्रदोष व्रत के दिन क्या करने से प्राप्त होता है अधिक लाभ-

चूंकि इस समय देश में लॉकडाउन है, इसलिए मंदिरों में जाकर पूजा करना संभव नहीं है इसलिए हम आपको बताने वाले हैं कि कैसे आप घर बैठकर शिव जी की पूजा करके इन्हें प्रसन्न किया जा सकता है।

सूर्यास्त के समय अपने घर में ही या फिर किसी शिव मंदिर में जाकर महामृत्युंजय मंत्र का जप 108 बार ज़रूर करें।

इसके अलावा शिव जी का गंगाजल से अभिषेक करें। अगर घर में शिवलिंग न हो श्रद्धा भाव से शिव जी के चित्र या प्रतिमा का विधिवत अभिषेक करें। साथ ही इन्हें 108 बिना खंडित बेलपत्र अर्पित करें।

उक्त पूजन के बाद शिव जी को ऋतुफल का भोग लगाएं। ध्यान रहे एक श्रीफल भेट करने के बाद भोलेनाथ को दंडवत प्रणाम करते हुए अपने सभी पाप कर्मों की मुक्ति की प्रार्थना करें।

पूजन के बाद किसी दरिद्र को कुछ न कुछ दान अवश्य करें। कहा जाता है इससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो जातक प्रदोष का व्रत रखने वालों को 2 गायों के दान करने के समान पुण्यफल मिलता है।


 

Jyoti

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