शुभ योग: रविवार के दिन आया भानु सप्तमी का व्रत, जानें क्या है इसका महत्व

Sunday, Jan 27, 2019 - 02:32 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा(video)
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार सूर्य सप्तमी 27 जनवरी 2019 यानि की आज मनाई जाएगी। रविवार को ये तिथि पड़ने के कारण इसे भानु सप्तमी भी कहा जाता है। आज माघ कृष्ण पक्ष की सप्तमी को अर्क, अचला सप्तमी, सूर्यरथ सप्तमी, आरोग्य सप्तमी और भानु सप्तमी आदि के विभिन्न नामों से जाना जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि शरीर को निरोग रखने के लिए सूर्य सप्तमी अथवा भानु सप्तमी के दिन सूर्य की उपासना करने से सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि सप्तमी के दिन प्रात: सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी अथवा जलाशय में स्नान करके सूर्य को दीपदान करना उत्तम फलदायी माना गया है। आज हम आपको इस व्रत के पीछे की पौराणिक कथा के बारे में बताएंगे।

पौराणिक कथा के अनुसार एक बार युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा कि कृपा करके यह बताइए कि कलयुग में स्त्री किस व्रत के प्रभाव से अच्छे और गुणवान पुत्र को पैदा कर सकती हैं।

तब श्रीकृष्ण ने कहा कि प्राचीनकाल में इंदुमती नाम की एक वेश्या थी। उसने एक बार वशिष्ठजी के पास जाकर कहा कि मुनिराज, मैं आज तक कोई धार्मिक कार्य नहीं कर सकी हूं। कृपा कर यह बताइए कि मुझे मोक्ष कैसे मिलेगा?

वेश्या की बात सुनकर वशिष्ठजी ने बताया कि स्त्रियों को मुक्ति, सौभाग्य और सौंदर्य देने वाला अचला सप्तमी से बढ़कर और कोई व्रत नहीं है इसीलिए तुम इस व्रत को माघ कृष्ण सप्तमी के दिन करो, इससे तुम्हारा कल्याण हो जाएगा। वशिष्ठजी की शिक्षा से इंदुमति ने ये व्रत विधिपूर्वक किया और इसके प्रभाव से शरीर छोड़ने के बाद वह स्वर्गलोक में गई। वहां वह समस्त अप्सराओं की नायिका बन गई। कहा जाता है कि स्त्रियों के लिए इस व्रत का विशेष महत्व होता है। 
कब है मकर संक्रांति 14 या 15, जानिए क्यों खाई जाती है इस दिन खिचड़ी ?(video)
 

Lata

Advertising