भानु सप्तमी: दोपहर 12 बजे से पहले-पहले कर लें इन मंत्रों का जाप, परिणाम देख रह जाएंगे दंग

Sunday, Jun 09, 2019 - 12:18 PM (IST)

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आज यानि 9 जून 2019 को शुभ महासंयोग में भानु सप्तमी का पर्व मनाया जा रहा है, जो सूर्य देव को समर्पित है। ज्योतिष मान्यता है जो भी इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से और व्रत आदि रखने से जातक के जीवन से दरिद्रता का हमेशा-हमेशा के लिए नाश हो जाता है। हिन्दू धर्म ग्रन्थों में भानु सप्तमी का दिन बहुत ही शुभ दिन बताया गया है। तो अगर आप भी चाहते हैं कि इस खास दिन आप पर भी सूर्य देव की अपार कृपा बरसे तो भानु सप्तमी के दिन सुबह आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने के बाद निम्न दिए गए किसी भी मंत्र का जाप कर लें। ज्योतिष के अनुसार इस मंत्रों के जाप से न केवल लाइफ में आने वाली मुसीबतें कम होती हैं बल्कि जो लोग अनेक तरह की बीमारियों से पीड़िक होते हैं उन्हें भी राहत मिलती है। तो चलिए जानते हैं  किन सूर्य मंत्र का जप करने से सूर्य भगवान प्रसन्न होकर आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगे और साथ ही जानेंगे भानु सप्तमी व्रत का महत्व और लाभ-

सूर्य मंत्र-
ॐ मित्राय नमः
ॐ रवये नमः
ॐ सूर्याय नमः
ॐ भानवे नमः
ॐ खगाय नमः
ॐ पुष्णे नमः
ॐ हिरन्यायगर्भय नमः
ॐ मरीचे नमः
ॐ सवित्रे नमः
ॐ आर्काया नमः
ॐ आदिनाथाय नमः
ॐ भास्कराय नमः
ॐ श्री सवितसूर्यनारायण नमः।।

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तांबे के पात्र में शुद्धजल भरकर उसमें लाल चंदन, अक्षत, लाल रंग के फूल डाल कर सूर्यनारायण को अर्घ्य दें। भानु सप्तमी के दिन एक समय बिना नमक का भोजन सूर्यास्त के बाद करना चाहिए। पौराणिक ग्रंथों  और शास्त्रों में भानु सप्तमी के दिन जप, यज्ञ, दान आदि करने पर सूर्य ग्रहण की तरह दस गुना फल प्राप्त होता है। मान्यता है जो भी नित्य भक्ति और भाव से सूर्यनारायण को अर्घ्य देकर नमस्कार करता है, वह कभी भी अंधा, दरिद्र, दुःखी और शोकग्रस्त नहीं रहता। पौराणिक कथानुसार, भानु सप्तमी के दिन सूर्य भगवान ने अपने प्रकाश से पृथ्वी को प्रकाशवान किया था। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक रविवार के दिन सप्तमी तिथि के संयोग से 'भानु सप्तमी' पर्व का सृजन होता है। 11 हज़ार रश्मियों के साथ तपने वाले सूर्य 'भग' रक्तवर्ण है। यह सूर्यनारायण के सातवें विग्रह है और एश्वर्य रूप से पूरी सृष्टि में निवास करते हैं। सम्पूर्ण ऐश्वर्या, धर्म, यश, श्री, ज्ञान और वैराग्य ये छह भग कहे जाते हैं। भानु सप्तमी सुबह 12 बजे से पहले भगवान सूर्य नारायण के इन दिव्य मंत्रों में से किसी भी एक मंत्र या सभी मंत्रों का कम से कम 108 बार जप कर लें, सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।

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Jyoti

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