भाई दूज 2019: आज करें यमुना जी की इस आरती का गुणगान

Tuesday, Oct 29, 2019 - 12:39 PM (IST)

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जैसे कि आप सब जानते ही हैं कि आज के देश के विभिन्न हिस्सों में भाई दूज का पर्व मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म के प्रमुख त्यौहार राखी की ही तरह ये त्यौहार भी भाई-बहन के प्रेम को समर्पित है। इस दिन भी बहनें अपने भाईयों को तिलक करते हुए उनकी तरक्की व लंबी आयु की कामना करती है। भाई भी अपनी बहनों को अपने आर्शीवाद के साथ-साथ उपहार भेंट करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भाई के माथे पर तिलक करना बहनों के प्रति उनके भाव को प्रगट करता है कि वो उनके सलामती चाहत है। पौराणिक कथाओं के अनुसार तिलक करने का एक मतलब ये भी होता है कि तिलक करवाने को अपने जीवन के हर क्षेत्र में जीत ही मिले। इन्हीं परंपराओं के चलते देश में आज भी भाई दूज मनाया जाता है। परंतु क्या आप जानते हैं कि भाई-दूज से जुड़ी एक मान्यता है जिसके बारे में शायद ही कोई जानता होगा। जी हां, कुछ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन यमुना जी की पूजा अर्चना करना आवश्यक मानी जाता है। इतना ही नहीं बल्कि इस दिन इनकी पूजा आदि के साथ इनकी पूजन व आरती भी की जाती है।

भाई दूज पर यमुना माता की आरती उतारी जाती है। यमुना जी की आरती पढ़ने या सुनने मात्र से ही भगवान श्री कृष्ण जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यमुना जी की आरती सच्चे मन से करने से यम का भय खत्म हो जाता है।

ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता,
नो नहावे फल पावे सुख सुख की दाता

ॐ पावन श्री यमुना जल शीतल अगम बहै धारा,
जो जन शरण से कर दिया निस्तारा

ॐ जो जन प्रातः ही उठकर नित्य स्नान करे,
यम के त्रास न पावे जो नित्य ध्यान करे

ॐ कलिकाल में महिमा तुम्हारी अटल रही,
तुम्हारा बड़ा महातम चारों वेद कही

ॐ आन तुम्हारे माता प्रभु अवतार लियो,
नित्य निर्मल जल पीकर कंस को मार दियो

ॐ नमो मात भय हरणी शुभ मंगल करणी,
मन 'बेचैन' भय है तुम बिन वैतरणी

ॐ ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता।

Jyoti

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