Bhadrapada Amavasya: भाद्रपद अमावस्या पर पंडित जी के बिना इस सरल विधि से करें पितृ तर्पण, घर पर मिलेगा स्वर्ग जैसा आनंद
punjabkesari.in Thursday, Aug 21, 2025 - 03:01 PM (IST)

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Pithori Amavasya 2025: भाद्रपद अमावस्या का दिन पितरों की शांति और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान का विशेष महत्व होता है। यह दिन दरिद्रता, पाप, नकारात्मकता और दोषों को दूर करने के लिए उत्तम है। इस अमावस्या को कुशग्रहणी अमावस्या भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन घर में पवित्र कुश रखने का विधान है। इस तिथि से पितृपक्ष का भी संबंध जुड़ा है इसलिए पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पूजा-पाठ करना श्रेष्ठ है। यह तिथि सूर्य-चंद्रमा की युति से बनती है, अतः साधना, मंत्र-जप और ध्यान के लिए अत्यंत फलदायी होती है। पितृ कृपा से घर-परिवार में खुशहाली बनी रहती है। अपने जीवनकाल में स्वर्ग जैसा आनंद घर पर ही प्राप्त होता है।
What to do at home on Bhadrapada Amavasya भाद्रपद अमावस्या पर घर पर क्या करें
घर की अच्छी तरह सफाई करने के बाद गंगा जल का छिड़काव करें।
पितरों के नाम पर घर में दीपक जलाएं और तर्पण करें।
एक थाली में तिल, कुश, जल और सफेद फूल अर्पित करें।
रात्रि में घर के आंगन या दरवाजे पर दीपक रखना शुभ है।
परिवार के सभी सदस्य एक साथ मिलकर हनुमान चालीसा या विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
Simple method to perform puja at home on Bhadrapada Amavasya भाद्रपद अमावस्या के दिन घर पर पूजा करने की सरल विधि
सूर्योदय से पहले उठें, स्नान करें। स्नान के जल में गंगाजल मिलाएं। घर की अच्छी तरह सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करें।
घर के पूजा स्थान में बैठकर दीपक जलाएं। दाहिने हाथ में जल, तिल और कुश लेकर संकल्प करें:
"मैं अमुक नाम, अपने पितरों की तृप्ति और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए यह पूजा कर रहा/रही हूं।"
Simple form of Pitru Tarpan at home घर पर सरल रूप पितृ तर्पण
एक थाली या पात्र लें। उसमें तिल, कुश और जल रखें। पितरों के नाम लेते हुए तीन बार जल अर्पित करें।
(उदाहरण: “ॐ श्री पितृभ्यः नमः, इदं तिलोदकं पितृभ्यः स्वधा।” )
Night worship on Bhadrapada Amavasya भाद्रपद अमावस्या पर रात्रि पूजन
रात को घर के मुख्य दरवाजे पर दीपक जलाएं।
परिवार सहित आंगन या मंदिर में थोड़ी देर ध्यान करें और शांति प्रार्थना करें।