अगर आपकी कुंडली में भी बन रहा है ये योग तो...

Saturday, Dec 05, 2020 - 02:08 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
प्रत्येक कुंडली में 9 ग्रह होते हैं, जो जातक को अलग-अलग स्थान पर बैठकर अलग ही प्रकार का फल प्रदान करते हैं। तो वहीं कई बार इन ग्रहों के साथ होने से या किसी अन्य तरह की स्थिति के कारण कुछ खास योग बनते हैं। जिनका अपने आप में अधिक महत्व है। आज हम आपको एक ऐसे ही योग के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके भद्र योग कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो हर योग का अपना प्रभाव होता है, कुछ अच्छा प्रभाव डालते हैं तो कुछ बुरा। मगर अगर भद्र योग की बात करें तो जब भी कुंडली में ये योग बनता है तो जातर को कई तरह के फायदे होते हैं। तो आईए आपको बताते हैं कि कुंडली में ये योग बनते कब हैं, कौन से ग्रहों का मेल ये योग बनाता है, तथा जातक को किस तरह के फायदे दिलाता है। 

ज्योतिष शास्त्र में पंचमहापुरुष योग विषय के बारे में अधिक चर्चा होती है। पंच मतलब 5, महा मतलब महान और पुरुष मतलब सक्षम व्यक्ति। कहा जाता है पंच में से कोई भी एक योग होता है तो व्यक्ति को अपने जीवन में अधिक संघर्ष नहीं करना पड़ता, और हर कार्य को करने में सक्षम हो जाता है। बता दें कुंडली में बनने वाला पंच महापुरुष योग मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि के मेल से बनता है। यदि इन पांचों में से कोई 1 भी ग्रह मूल त्रिकोण या केंद्र में बैठा हो तो इस योग को श्रेष्ठ माना जाता है। शास्त्रो में केंद्र को भगवान विष्णु का स्थान माना गया है। इसके अलावा बताया जाता है कि महापुरुष योग तब सार्थक होते हैं जब ग्रह केंद्र में हों। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विष्णु भगवान के 5 गुण हैं। तो वही विष्णु जी के ही अवतार भगवान रामचंद्र और श्री कृष्ण की कुंडली के केंद्र में यही 5 महापुरुष विराजमान थे।

यहां जानें पांच महायोग : उपरोक्त 5 ग्रहों से संबंधित 5 महायोग के नाम इस तरह हैं- मंगल का रुचक योग, बुध का भद्र योग, गुरु का हंस योग, शुक्र का माल्वय योग और शनि का शश योग होता है। यहां जानिए बुध के भद्र योग को।

जिनमें से जब किसी जातक की कुंडली में बुध का भद्र योग बनता है तो उसे 5 तरह के फायदे होते हैं। इसके नाम से ही स्पष्ट होता है कि ये योग बुध ग्रह से संबंधित है। जिस किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध लग्न से अथवा चन्द्रमा से केंद्र के घरों में स्थित होता है अर्थात बुध अगर कुंडली में लग्न अथवा चन्द्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में मिथुन अथवा कन्या राशि में स्थित होता है तो जातक की कुंडली में भद्र योग बनता है।

इस योग से होने वाले फायदे- 
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार जिसकी कुंडली में ये योग बनता वह जातक बुद्धि, चतुराई और वाणी का धनी होता है।

इस योग वाले जातक सफल वक्ता बनने की क्षमता भी रखते हैं।

तो वहीं ये कार्य कौशल, लेखन, गणित, कारोबार और सलाहकर के क्षेत्र में भी अधिक सफल होते हैं।

इनमें खास तौर पर विशलेषण करने की गजब क्षमता होती है।

इनकी तार्किक शक्ति भी अद्भुत होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन्हीं सारी गुणों के चलते ऐसे लोग अपना जीवन को सफल बना लेते हैं। 

Jyoti

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