Inspirational Context : अपने अस्तित्व की तलाश में भटकने वाले पढ़ें ये कथा

Thursday, May 27, 2021 - 11:20 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Inspirational Story- कोमल, हरी-भरी घास से भरा एक मैदान था। उसी हरी घास के बीच में एक सूखा तिनका भी पड़ा था। घास ने तिनके को देखकर हंसते हुए कहा, ‘‘हरी-भरी कोमल घास के बीच में तुम क्या कर रहे हो? तुम तो सूखे और मुरझाए हुए हो। न तो तुम देखने में सुंदर हो, न ही किसी काम के ही हो। तुम्हारा तो जीवन ही व्यर्थ है।’’ घास की बात सुनकर तिनके को बहुत दुख हुआ।


उसने सोचा ‘‘सच ही तो है। मैं सचमुच किसी काम का नहीं हूं।’’

तभी तेज हवा चलने लगी। हवा के जोर से घास जोर-जोर से हिलने लगी। घास में पड़ा सूखा तिनका तेज हवा से उड़कर पास की पानी की खुली टंकी में जा गिरा। उस टंकी के पानी में बड़ी देर से एक चींटी मृत्यु से संघर्ष कर रही थी।


तिनका जैसे ही बहते हुए उसके पास पहुंचा वह जल्दी से तिनके पर चढ़ गई। बहते-बहते तिनका टंकी के किनारे पहुंच गया। चींटी टंकी की दीवार पर चढ़कर बाहर निकल गई। बाहर पहुंच कर उसने तिनके को धन्यवाद दिया।

तिनका बोला, ‘‘धन्यवाद तो मुझे तुम्हारा करना चाहिए। तुम्हारे कारण आज मुझे अपना महत्व पता चल गया। मुझे आज ही पता चला कि इस धरती पर मौजूद हर वस्तु का महत्व है।’’

Niyati Bhandari

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