Best Motivational Story: पिता को सच्ची श्रद्धांजलि देने वाले बालक को नमन

Monday, Nov 08, 2021 - 01:19 PM (IST)

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Best Motivational Story: विद्यालय में प्रसन्नता का वातावरण था। नौवीं कक्षा के मेधावी छात्र अभिषेक ने जिला स्तरीय भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। प्रात:कालीन सभा में सभी ने तालियां बजा कर अभिषेक की सफलता को सराहा। पंद्रह दिन बाद कसौली में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता होनी थी। विद्यालय के दो अध्यापक अभिषेक को भाषण की तैयारी करा रहे थे। अभिषेक की आवाज जोशीली व तीव्र थी।


राज्य स्तरीय प्रतियोगिता से दो दिन पूर्व अभिषेक के पिता की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। मैं तथा विद्यालय के कुछ अध्यापक अभिषेक के घर शोक संवेदना व्यक्त करने गए। घर में मातम का माहौल था। अभिषेक व उसके परिवार वाले फूट-फूटकर रो रहे थे। अभिषेक व उसके परिवार को सांत्वना देकर हम वापस आ गए।

प्रात: पांच बजे मेरे घर की घंटी बजी। मैं सुबह शीघ्र ही उठता हूं। विस्मय से मैंने दरवाजा खोला। अभिषेक खड़ा था। पैर छूते हुए बोला, ‘‘सर...आज कसौली में भाषण प्रतियोगिता है। मैं हिस्सा लेना चाहता हूं।’’  


मैं समझाते हुए बोला, ‘‘बेटा, अभी-अभी तुम्हारे पापा का देहांत हुआ है। कोई बात नहीं बेटे। ऐसे मौके तो भविष्य में मिलते ही रहेंगे। तुम घर में बड़े हो। आप अगर घर में रहो तो...।’’

‘‘सर, मेरे पापा चाहते थे कि मैं राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लूं। मेरे पापा मेरे प्रथम आने पर बहुत खुश थे। मेरे पापा मुझे ऊपर से देखेंगे। अगर मैं न गया तो...उनकी आत्मा...कहते-कहते अभिषेक की आंखों में अश्रुधारा फूटने लगी। मैं अभिषेक का उत्साह देखकर अचंभित था।


‘‘ठीक है बेटे। मैं तुम्हें रोकूंगा नहीं पर तुम अकेले नहीं जाओगे। मैं तुम्हारे साथ जाऊंगा।’’

अभिषेक ने राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम के अंत में वह माननीय मुख्यमंत्री से पुरस्कार प्राप्त कर रहा था। उसकी आंखों में संतोष था। अगले दिन विद्यालय में सभी कह रहे थे कि अभिषेक ने अपने पिता को सच्ची श्रद्धांजलि दी है।

Niyati Bhandari

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