Best Motivational Story: अनोखा विवाह उपहार, जो बनाएगा तारिफ का हकदार

Monday, Oct 05, 2020 - 10:20 AM (IST)

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Inspirational Story: ‘‘अरे रौनक तुम कहां रहते हो, घर में तेरी बड़ी बहन गुड़िया की शादी की तैयारियां चल रही हैं और तेरा कोई अता-पता ही नहीं रहता। कहां गायब रहता है तू?’’  रौनक की मम्मी ने कहा।


रौनक अपना सिर खुजलाते हुए बोला, ‘‘सॉरी मम्मी... वह क्या है न... मेरे स्कूल में इंटरक्लास क्रिकेट टूर्नामैंट होने वाला है। बस उसी के कारण प्रैक्टिस करनी पड़ रही है।’’

इस पर उसके पापा बोले, ‘‘बेटा तुम गुड़िया के छोटे भाई जरूर हो लेकिन बेटा तुम भी छोटे-मोटे काम के लिए सलाह-मशविरा दिया करो।’’

‘‘मैं...और सलाह-मशविरा दूं... पापा मैं तो सिर्फ चौदह-पन्द्रह साल का हूं। मैं आप बड़ों को क्या सलाह दे सकता हूं?’’ रौनक ने हंसते हुए कहा।


उसी समय उसकी मम्मी ने कहा, ‘‘पहले यह बताओ कि गुड़िया की शादी के निमन्त्रण पत्र कैसे हों। ये देखो सब नमूने के कार्ड हैं। इनमें जो अच्छा लगे वह बताओ।’’  

‘‘मम्मी कार्ड कैसे भी ले लो लेकिन उनमें एक स्लोगन जरूर लिखवाना।’’

‘‘कैसा स्लोगन?’’ पापा ने पूछा।

‘‘यही कि ‘पानी ही जीवन है।’ रौनक ने कहा।


‘‘वाह! यह तो बहुत अच्छा सुझाव है। जरूर छपवाएंगे। लोगों में पानी बचाने का संदेश तो जाएगा।’’ पापा ने रौनक की पीठ थपथपाते हुए कहा।

इसके बाद रौनक की मम्मी ने थोड़ा सोचते हुए कहा, ‘‘बाकी सब तो तैयारी हो गई... बस एक बात का आखिरी फैसला नहीं हो पाया है।’’

‘‘कौन-सी तैयारी... कैसा फैसला? लगभग सब कुछ तो तय हो चुका है। निमंत्रण पत्र बांटने से लेकर गुड़िया की विदाई तक।’’ पापा ने आश्चर्य से पूछा।

‘‘मम्मी बताओ न... कौन-सा काम बाकी है?’’ रौनक ने पूछा।

इसके जवाब में मम्मी ने कहा, ‘‘बारातियों को विदाई में कौन-सा उपहार देना है?’’

‘‘अरे हां, भई इस बारे में तो हमने अभी तक ख्याल ही नहीं किया। यह तो बहुत जरूरी है। आखिर गुड़िया की शादी का कोई यादगार उपहार तो उनको देना चाहिए।’’ पापा ने कहा।

रौनक ने थोड़ी देर सोचा और फिर बोला, ‘‘मेरे पास बहुत बढ़िया आइडिया है। बस आप निश्चिंत हो जाओ। इसकी व्यवस्था मैं कर लूंगा।’’

‘‘अरे रौनक बता तो सही क्या देना है उपहार में?’’ मम्मी ने कहा।


आप तो कुछ रुपए दे देना। बाकी मैं गुड़िया दीदी की विदाई के समय ही बताऊंगा। थोड़ा-बहुत तो कुछ गुप्त भी रखना चाहिए या नहीं।’’ रौनक ने बड़े विश्वास के साथ कहा।

पापा बोले, ‘‘बेटा यह जिम्मेदारी तुझ पर रही। थोड़ा इज्जत का ध्यान रखना।’’

‘‘ओ.के. पापा। आप तो बाकी तैयारियां करो।’’ रौनक ने जवाब दिया।

गुड़िया की शादी बड़ी धूमधाम से सम्पन्न हुई। शादी की सारी रस्में हो चुकी थीं। बस विदाई की घड़ी आने वाली थी। रौनक के पापा ने सभी बारातियों को ससम्मान विदा करने के लिए बुलवाया।

‘‘अरे रौनक बेटा, लाओ भई बारातियों के उपहार।’’ पापा ने रौनक को आवाज दी।

रौनक तुरंत बाहर की तरफ दौड़ा। उसकी पूरी क्रिकेट टीम अपने हाथों में गिफ्ट्स लेकर अंदर आने लगी। उनके हाथों में अनोखे उपहार देख कर सब के सब हक्के-बक्के रह गए। रोनक ने प्रत्येक बाराती को गमलों में लगा एक-एक पौधा दिया। गमलों को बहुत सुंदर ढंग से सजाया गया था। उन पर उसकी दीदी का नाम भी लिखा था। यह अनोखा उपहार पाकर सभी बाराती बहुत खुश हुए।

रौनक के मम्मी-पापा भी बहुत खुश हुए। उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसे अनमोल उपहार के बारे में रौनक जैसा किशोर सोच भी सकता था। सभी सगे-संबंधी रौनक की तारीफ करते नहीं थक रहे थे। उसकी बहन गुड़िया भी बहुत खुश थी।

 

Niyati Bhandari

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