Nose Ring पहनने से होते हैं ऐसे लाभ, जानकार आप रह जाएंगे दंग

Sunday, Jun 26, 2022 - 10:53 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हमारे समाज में नाक में नथ जिसे आज कल नोज़ रिंग आदि के नाम से जाना जात है, का काफी प्रचलन रहा है। हिंदू धर्म की बात करें तो इसमें तो इसे महिलाओं द्वारा किए जाने वाले 16 श्रृंगार में शामिल किया गया है। कुल मिलाकर कहने का भाव यही है कि प्राचीन समय से नोज़ रिंग पहनने की प्रथा है। माना जाता है जहां एक तरफ ये सुंदरता में चार चांद लगाता है। तो वहीं दूसरी ओर बताया जाता है कि इसे पहनने से कई तरह के फायदे होते हैं। आज हम आपको नोज़ रिंग पहनने से क्या क्या लाभ मिल सकते हैं। तो चलिए जानें नोज़ रिंग से जुड़े कुछ फायदें-



बताया जाता है कि नाक छिदवाने की परंपरा 16वीं सदी से चली आ रही है। और इसके लिए कोई विशेष उम्र नहीं होती है। इसे बचपन, किशोरावस्था, वयस्क होने पर कभी भी करवा सकते हैं। गर्भावस्था में भी महिलाएं नाक छिदवा सकती हैं।. इससे शिशु पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता है। भारत में नाक छिदवाने को संस्कृति से जोड़कर देखा जाता है। वेदों और शास्त्रों में लिखा गया है कि नाक छिदवाने से महिला को माहवारी पीड़ा से राहत मिलती है। इसके अलावा प्रसव के दौरान शिशु को जन्म देने में आसानी होती है। नाक छिदवाने से माइग्रेन में भी राहत मिलती है। आमतौर पर लड़कियां सोने या चांदी से बनी नथ पहनती हैं। ये धातुएं लगातार हमारे शरीर के संपर्क में रहती हैं तो इनके गुण हमें प्राप्त होते हैं। आयुर्वेद में स्वर्ण भस्म और रजत भस्म बहुत सी बीमारियों में दवा का काम करती है।



नथ पहनने के लिए नाक में जो छेद किया जाता है, उससे लड़कियों को कई स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं। जिस प्रकार शरीर के अलग-अलग हिस्सों को दबाने से एक्यूप्रेशर का लाभ मिलता है, ठीक उसी प्रकार नाक छिदवाने से एक्यूपंक्चर का लाभ मिलता है.. इसके प्रभाव से श्वास संबंधी रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है। कफ, सर्दी-जुकाम आदि रोगों में भी इससे लाभ मिलते हैं। आपने देखा होगा कि लड़कियों की बाई ओर की नाक छेदी जाती है क्योंकि उस जगह की नसें नारी के महिला प्रजनन अंगों से जुडी हुई होती हैं। नाक के इस हिस्से पर छेद करने से महिला को प्रसव के समय भी कम दर्द का सामना करना पड़ता है। इस वजह से बाई ओर नाक छिदवाई जाती है।

नाक छिदवाने से शरीर के विशिष्ट प्रेशर पॉइंट्स प्रभावित होते हैं। इनसे शरीर में एक खास किस्म का दबाव बनता है जो हॉर्मोन पैदा करता है। यह हॉर्मोन आपके दर्द को कम करने में मदद करते हैं। जिस तरह चाईनीज़ लोग एक्यूपेंचर पद्धति का इस्तेमाल करने से शरीर के विशिष्ट प्रेशर पॉइंट्स पर दबाव बनता है और आपको दर्द से राहत मिलती है वैसे ही नाक छिदवाने से महिला को दर्द से राहत मिलती  है। लेकिन ध्यान रहे कि नाक छिदवाते समय आप ढंग की साफ़-सुथरी दुकान से विसंक्रमित उपकरणों से ही कान छिदवाएं। कई बार होता है कि कान छिदवाने में लापरवाही बरतने से महिलाओं की नाक के आस-पास सूजन आ जाती है।


 

Jyoti

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