वट सावित्री पूजा: इस दिन की पूजा से मिलते हैं अनेकों लाभ
Thursday, May 27, 2021 - 04:43 PM (IST)
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अपनी वेबसाइट के माध्यम से हम अपने फॉलोअर्स को सनातन धर्म के लगभग हर त्यौहार के बारे में बताते आ रहे हैं, इसी बीच हम आपको वट सावित्री व्रत के बारे में जानकारी दे रहे हैं। इससे पहले हमने आपको बताया कि वट वृक्ष की पूजा से धार्मिक व चिकित्सक रूप दोनों तरह से लाभ प्राप्त होते हैं। अब हम आपको बताने जा रहे हैं कि सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य प्रदान करने वाले वट वृक्ष की कुछ धार्मिक विशेषताओं के बारे में-
सनातन धर्म के तमाम ग्रंथों के स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वट में ब्रह्मा, विष्णु व महेश यानि त्रिदेव का वास है। जो ज्ञान व निर्माण का प्रतीक कहलाता है। अन्य प्रचलित मत के अनुसार भगवान बुद्ध ने इसी के नीचे बैठकर ज्ञान प्राप्त किया था।
बताया जाता है कि वट एक विशाल वृश्र होता है, जो पर्यावरण की दृष्टि से बहुत प्रमुख माना जाता है। कहा जाता है इस वृक्ष पर अनेक जीवों और पक्षियों का जीवन निर्भर करता है।
इसके अलावा हवा को शुद्ध करने और मानव जीवन की कई आवश्यकताओं की पूर्ति में भी इसकी अधिक भूमिका मानी जाती है।
जैसे कि इससे पहले भी हमने आपको बताया कि वट सावित्री में स्त्रियों द्वारा वट यानि बरगद की पूजा की जाती है। इस दौरान इसके नीचे बैठकर पूजन, व्रत कथा आदि सुनने का भी विधान है।
प्रचलित धार्मिक किंवदंतियों हैं कि वट वृक्ष का पूजन और सावित्री-सत्यवान की कथा का स्मरण करने के विधान के कारण ही यह व्रत वट सावित्री के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
ये व्रत के दौरान की जानी वाली पूजा से लंबी आयु, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य प्राप्ति के साथ-साथ कलह और संताप से छुटकारा मिलता है।