Early morning उठने के हैं ढेर सारे लाभ, क्या जानते हैं आप

Wednesday, Nov 27, 2019 - 07:33 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

ब्रह्म मुहूर्त का अर्थ होता है रात का अंतिम प्रहर अथवा सूर्योदय से करीब-करीब डेढ़ घंटे पहले का वक्त। भारतीय प्राचीन परम्पराओं पर नज़र डालें तो हमारे ऋषि-मुनि ब्रह्म मुहूर्त में ही निद्रा देवी का त्याग कर देते थे। वर्तमान समय में अकसर घरों में आपने देखा होगा लोग देर से सोते हैं और सुबह सूर्योदय के बाद जागते हैं। ये हैबिट हेल्थ के लिए अच्छी नहीं है। बदलती जीवनशैली में हम देर से सोने और देर से जागने को आधुनिक जीवनशैली का हिस्सा मानने लगे हैं, परन्तु हमेशा से ही अच्छी सेहत पाने के लिए रात को जल्दी सोना और सुबह जल्दी जागने की बात कही गई है। देर से सोना और देर से उठना दोनों ही आदतें स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं। यही कारण है कि हमारी प्राचीन परम्पराओं में सुबह उठने का समय भी तय किया गया है यह है 'ब्रह्म मुहूर्त', यानि कि रात का अंतिम प्रहर या सूर्योदय से लगभग डेढ़ घंटे पहले का समय।

दिल और दिमाग दोनों के लिए बेहतर
सुबह जल्दी उठना हमारे लिए किसी दवा से कम नहीं है, ये आदत जीवन में आई हर स्वास्थ्य समस्या का अंत सकारात्मक प्रभाव से करेगी। जल्दी उठने की आदत डालेंगे तो इम्यून सिस्टम मजबूत होगा, जिससे रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और आप बीमार नहीं पड़ेंगे। वैज्ञानिक शोधों से यह साबित हो चुका है कि जल्दी उठना दिमाग के लिए बहुत फायदेमंद है। इससे दिमाग की कोशिकाएं सक्रिय रहती हैं, जिससे दिमाग तेज होता हैं और याददाश्त अच्छी बनी रहती हैं। 

ब्रह्म मुहूर्त में सत्वगुण की होती है अधिकता
हमारे शास्त्रों में भी ब्रह्म मुहूर्त में जागने को ही सही बताया गया है, तभी तो प्राचीन काल में ब्रह्म मुहूर्त में गुरुओं द्वारा अपने शिष्यों को वेदों एवं शास्त्रों का अध्ययन करवाया जाता था। संसार के प्रसिद्ध साधक, बड़े-बड़े विद्वान और दीर्घजीवी मनुष्य सूर्योदय के पूर्व ब्रह्म मुहूर्त में उठकर ही दैनिक कार्यों की शुरुआत करते थे। ऋग्वेद में कहा गया हैं कि जो मनुष्य सुबह उठता है, उसकी आयु लंबी होती है। ब्रह्म मुहूर्त में तम एवं रजो गुण की मात्रा बहुत कम होती है तथा इस समय सत्वगुण का प्रभाव अधिक होता है, इसलिए इस काल में बुरे मानसिक विचार भी सात्विक और शांत हो जाते हैं।

ब्रह्म मुहूर्त के बारे में क्या कहता है आयुर्वेद
आयुर्वेद के अनुसार इस समय में बहने वाली वायु चन्द्रमा से प्राप्त अमृत कणों से युक्त होने के कारण हमारे स्वास्थ्य के लिए अमृत तुल्य होती है, यह वीरवायु कहलाती है। इस समय भ्रमण करने से शरीर में शक्ति का संचार होता है और शरीर कांतियुक्त हो जाता है। हम प्रातः सोकर उठते हैं तो यही अमृतमयी वायु हमारे शरीर को स्पर्श करती है। इसके स्पर्श से हमारे शरीर में तेज, बल शक्ति, स्फूर्ति एवं मेधा का संचार होता है, जिससे मन प्रसन्न व शांत होता है। इसके विपरीत देर रात तक जागने से और सुबह देर तक सोने से हमें यह लाभकारी वायु प्राप्त नहीं हो पाती, जिससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है।

ब्रह्म मुहूर्त में जागने का वैज्ञानिक सच 
अनेक शोधों के अनुसार प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त के समय हमारा वायुमंडल काफी हद तक प्रदूषण रहित होता है। इस समय दिन के मुकाबले वातावरण में प्राणवायु ऑक्सीजन की मात्रा भी अधिक होती है। सुबह-सुबह की शुद्ध वायु हमारे तन-मन को स्फूर्ति और ऊर्जा से भर देती है। फेंफड़ों की शक्ति बढ़ती है, जिससे रक्त शुद्ध होता है। यही वजह है कि इस समय में की गई सैर एवं व्यायाम, योग व प्राणायाम शरीर को निरोगी रखते हैं। इसके अलावा पक्षियों की चहचाहट से सुबह का माहौल खुशनुमा हो जाता है, जिससे हमारा तन-मन प्रफुल्लित होकर तरोताजा हो जाता है।

दिनचर्या होगी ठीक तो मिलेगी सफलता
सुबह जल्दी उठना दिनचर्या का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि जल्दी उठने से दिन भर के कार्यों और योजनाओं को बनाने का हमें पर्याप्त समय मिल जाता है। न ऑफिस में देर से पहुंचने और न ही बच्चों की स्कूल बस छूटने की समस्या होती है। हर कार्य पूर्व नियोजित ढंग से पूर्ण होता है, जिससे दिमाग में कोई तनाव नहीं होता है, अपनी रूचि के कार्यों को करने का भी समय मिल जाता है। ब्रह्म मुहूर्त में जागने वाला व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहकर सुखी और समृद्ध हो सकता है। जल्दी उठकर हम अपनी व्यस्त जीवन शैली में से भी अपने करीबी रिश्तेदार और मित्रों के लिए समय निकाल पाएंगे, नतीजा रिश्तों को मजबूती मिलेगी।

Niyati Bhandari

Advertising