इस एक मंत्र के जाप से मिल सकती है सभी देवी-देवताओं की कृपा

Sunday, May 03, 2020 - 05:23 PM (IST)

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हिंदू धर्म में जितना लाभ पूजा पाठ आदि से मिलता है उतना ही मंत्र आदि के उच्चारण से मिलता है। यही कारण है ग्रंथों में प्रत्येक देवी-देवता की पूजन विधि आदि के साथ-साथ इनके मंत्र दिए गए हैं। यूं तो प्रत्येक देवी-देवता के अपने अलग बीज मंत्र दिए गए हैं, परंतु एक मंत्र ऐसा भी है जिसका जाप करने से एक ही बार में समस्त देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त हो सकती। हम बात कर रहे हैं गायत्री मंत्र की, जिसका वेदों में अच्छे से वर्णन किया गया है। कहा जाता है इस मंत्र में इतनी शक्ति है कि केवल तीन बार इसको जपने से जीवन की सारी नकारात्मक ऊर्जा का नाश हो जाता है। आइए जानते हैं इस मंत्र का अर्थ तथा इसे जपने का सही समय-

गायत्री मंत्र-
'ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।' 

महामंत्र का अर्थ-
'उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अन्तःकरण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे।'

अर्थात इस मंत्र का उच्चारण करने से बौद्धिक क्षमता और मेधा शक्ति यानि स्मरण की क्षमता बढ़ती है। साथ ही इसका जाप करन से व्यक्ति का तेज बढ़ता है साथ ही दुःखों से छूटने का रास्ता मिलता है।

जाप का सही समय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस महामंत्र का जाप दिन में तीन बार करना चाहिए।

- सूरज निकलने से पहले।  
- दोपहर
- सूर्यास्त के कुछ देर पहले

मान्यता है जो भी व्यक्ति प्रतिदिन 3 समय इस मंत्र का जाप करता है उस का स्वभाव शांत और आकर्षक होने लगता है।

सावधानियां-
ध्यान रहे रात के समय कभी गायत्री मंत्र का जाप नहीं करें।  धैर्य के साथ ध्यान लगाकर शुद्ध आसान पर बैठकर ही गायत्री मंत्र का जप करें। मंत्र जाप के लिए तुलसी और चंदन की माला का प्रयोग सबसे लाभदायक होता है।

Jyoti

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