रामायण: इस एक श्लोक में है पूरी रामकथा का वर्णन

Saturday, Apr 18, 2020 - 07:58 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
रामायण, आज कल हर घर में इसी के चर्चे हो रहे हैं, इसका पूरा श्रेय जाता है लॉकडाउन को। जी हां, इस क्वारंटाइन समय में लोग अपने घरों में अपने-अपने परिवार के साथ सुबह-शाम टेलीविज़न पर रामायण का आनंद उठा रहे हैं साथ ही साथ इसके बारे में अच्छे से जान पा रहे हैं। इसी बीच हम भी आपको इसस संबंधित बातें बताते जा रहे हैं। ताकि जो लोग इसको कोई भी हिस्सा देखने में छूट रहे हैं तो उन्हें यहां इससे जुड़ी हर तरह की जानकारी मिल पाए। इसी कड़ी में आज हम आपको बताएंगे रामायण के ऐसे श्लोक के बारे में जिसमें पूरी राम कथा का वर्णन है। हम जानते हैं आप में से बहुत से लोग इस बारे में नहीं जानते होंगे। अरे,तो क्या हुआ? हम हैं न आप तक इससे जुड़ी हर तरह की जानकारी प्रदान करने के लिए। आइए जानें कौन सा है वो श्लोक-

हिंदू धर्म में रामायण का पाठ करने के अनेकों लाभ बताए गए हैं। कहा जाता जो भी व्यक्ति रामायण का पाठ करता है, वो जीवन में कभी भी गलत मार्ग में नहीं चलता है। रामायण में बताया गया है, कैसे प्रत्येक व्यक्ति को धर्म के अनुसार ही कर्म करना चाहिए। क्योंकि शास्त्रों में समय-समय पर इस बात का वर्णन मिलता है कि अधर्म के मार्ग में चलने वाले की कभी भी विजय नहीं होती। एक दिन ऐसा आता है, जब अधर्मी व्यक्ति का पतन हो जाता है। जैसे रावण का हुआ था। मान्यता है रामायण के पाठ करने से जीवन में सकारात्मकता का प्रवेश होता है तथा नकारात्मकता दूर होती है, आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है, बड़े से बड़ा संकट भी इसके पाठ से दूर हो जाता है। 

एक श्लोकी रामायण 
चूंकि रामायण का पाठ काफी बढ़ा है इसलिए इसे एक ही दिन में करने में कर पाना संभव नहीं है, इसलिए आज हम आपको इसके एक ऐसे श्लोक के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके पाठ करने से आपको संपूर्ण रामायण पाठ करने के समान ही फल मिलेगा। बता दें इस श्लोक को श्लोकी रामायण भी कहा जाता है।

एक श्लोकी रामायण
आदौ राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्।
वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्।।
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्।
पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्।।

श्लोक का भावार्थ-
श्रीराम वनवास गए, वहां उन्होने स्वर्ण मृग का वध किया। रावण ने सीताजी का हरण कर लिया, जटायु रावण के हाथों  मारा गया। श्रीराम और सुग्रीव की मित्रता हुई। श्रीराम ने बालि का वध किया। समुद्र पार किया। लंका का दहन किया। इसके बाद रावण और कुंभकर्ण का वध किया। 

श्लोकी रामायण पाठ के नियम-
प्रातः उठ कर स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप जलाएं, उसके बाद ही  इस श्लोकी रामायण का पाठ करें।

मंत्र जाप
कहा जाता है नित्य नियम से इस एक श्लोकी रामायण का मंत्र जाप भी किया जा सकता है, वैसे 108 बार इस मंत्र का जाप करना चाहिए मगर संभव न हो तो इस एक श्लोकी रामायण का 7, 14 या 21 बार भी इसका पाठ किया जा सकता है।

Jyoti

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