सुबह इस समय उठने वाला कभी नहीं होता कंगाल

Friday, Jan 03, 2020 - 02:31 PM (IST)

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हिंदू शास्त्रों के अनुसार स्वस्थ तन, मन और धन के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाना चाहिए। ब्रह्म यानि परमात्मा और मुहूर्त का अर्थ है मंगलमय समय। प्रकृति भी सुबह जल्दी उठने का संदेश देती है जैसे मुर्गे का बांग देना, पक्षियों का मधुर कलरव आदि।अधिकतर लोग रात के अंतिम aपहर यानि  4 से 5.30 बजे तक के समय को ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं। जो व्यक्ति इस दौरान बिस्तर को छोड़ देता है, वे कभी भी जीवन में असफलता का मुंह नहीं देखता। शारीरिक और मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहता है। मनचाही सक्सेस उसी व्यक्ति को मिलती है, जो टाइम की कीमत जानता है और उसका सदुपयोग करता है। आप भी लाइफ में हेल्दी और वेल्दी रहना चाहते हैं तो सूर्योदय से पहले उठें। 

वर्णं र्कीत मतिं लक्ष्मीं, स्वास्थ्यमायुश्च विंदति। ब्रह्मे मुहूर्ते संजाग्रछियं वा पंकजं यथा।। सा.सार 93

अर्थात ब्रह्ममुहूर्त में उठने से पुरुष को सौंदर्य, लक्ष्मी, बुद्धि, स्वास्थ्य आयु आदि की प्राप्ति होती है तथा उसका शरीर कमल की तरह सुंदर हो जाता है। प्रात:काल में बहने वाली वायु के एक-एक कण में संजीवनी शक्ति का अपूर्व सम्मिश्रण रहा है। आयुर्वेद के अनुसार रात्रि में चंद्रमा द्वारा पृथ्वी पर बरसाए हुए अमृत बिंदुओं को अपने साथ लेकर वायु बहती है। ज्ञानतंतु रात्रि में विश्राम के बाद नव शक्ति युत होते हैं तथा प्रात: कालीन एकांत व सर्वथा शांत वायुमंडल में मस्तिष्क एकदम उर्वरक हो जाता है। यह स्थिति शारीरिक स्वास्थ्य, बुद्धि, आत्मा, मन, नेत्र शक्ति एवं स्मरण शक्ति को बढ़ाने में विशेष रूप से सहायक है।

वैज्ञानिक शोध के अनुसार प्रात: काल ब्रह्ममुहूर्त में 41 प्रतिशत आक्सीजन (प्राणवायु) एवं 55 प्रतिशत नाइट्रोजन तथा 4 प्रतिशत कार्बनडाईऑक्साइड (दूषित) होती है। जैसे-जैसे सूर्य उदय होता है सड़कों पर वाहन चलते हैं, पृथ्वी का गर्म वाष्प ऊपर उठता है। कार्बन डाई आक्साइड मनुष्य की दीर्घायु के लिए घातक है। 

Niyati Bhandari

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