शुक्रवार के व्रत से मिलते हैं ये लाभ, जानते हैं आप?

Friday, Jul 03, 2020 - 02:44 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू धर्म में जितना महत्व पूजा-पाठ का माना जाता है, उससे कई ज्यादा आस्था इसमें रखें जाने वाले व्रत-त्यौहार के लिए रखी जाती है। शास्त्रों की मानें तो ऐसा कहा जाता है भगवान को प्रसन्न करने के लिए अवं उनकी कृपा पाने के लिए व्रत व उपवास किया जाता है। मगर बहुत कम लोग होते हैं जिन्हें इस बारे में पता है कि हिंदू धर्म में रखे जाने वाले प्रत्येक व्रत आदि का अपना अलग महत्व है। जी हां, ज्योतिष शास्त्र की मानें तो सोमवार से लेकर रविवार तक रखे जाने वाले व्रतों का विभिन्न महत्व है। एक मिनट क्या आपको अभी तक इस बारे में जानकारी प्राप्त नही है? तो आपको बाते दें शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि बिना संपूर्ण जानकारी के कभी कोई व्रत का संकल्प नहीं लेना चाहिए। चूंकि आज शुक्रवार है तो हम आपको बताएंगे कि शुक्रवार के  उपवास से जुड़ी वे खास जानकारी, साथ ही साथ बताएंगे कि इस दिन इस व्रत को करने से जातक को किस तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। 

सबसे पहले बता दें शुक्रवार के दिन का संबंध शुक्र ग्रह से है, यही कारण है कि इस दिन शुक्रवार के नाम से जाना जता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसारइस दिन शुक्र ग्रह को अपनी कुंडली में ठीक करने के लिए जहां एक तरफ़ इनसे जुड़े उपाय किए जाते हैं तो वहीं इस दिन देव लक्ष्मी के लिए व्रत भी रखा जाता है। बता दें शास्त्रों में देवी लक्ष्मी को धन तथा वैभव की अधिष्ठात्री देवी कहा जाता है। इसके अलावा कुछ मान्यताओं की मानें तो इस दिन संतोषी माता का व्रत करने की भी मान्यता है। 

ज्योतिष विद्वान बताते हैं कि जो जातक शुक्रवार का व्रत करता है, उसे देवी लक्ष्मी की कृपा से जीवन में सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। परंतु कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जिन्हें ये कहते पाया जाता है कि उन्हें व्रत करने के बाद भी कोई शुभ फल प्राप्त नहीं होता। दरअसल इसलिए क्योंकि कुछ लोग इन व्रतों का पालन वैसे नही करते जैसे प्रातः न उठना तथा व्रत के अन्य नियमों का पालन करना आदि। 

कहा जाता है इस व्रत का लाभ पाने के लिए व्यक्ति को सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर नहा धोकर स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए और फिर सुबह पूरी विधिवत तरीके से देवी लक्ष्मी की पूजा करें। फिर शाम में सबसे माता का आसन लगाएं और पूजा पाठ करने के बाद शुक्रवार के व्रत की कथा पढ़कर आरती करें। इसके बाद माता राना की आशीर्वाद पाकर पहले सभी में प्रसाद वितरित करें तथा स्वयं भी भोजन कर लें। 

व्रत के फायदें- 
ऐसा कहा जाता है कि जो अविवाहित कन्याएं इस दिन माता रानी का श्रद्धापूर्वक व्रत करती हैं उन्हें सुयोग्य वर प्राप्त होता है। तो वहीं विवाहित महिलाओं के जीवन में सुख समृद्धि बढ़ती है। 
इस व्रत के शुभ प्रभाव से परीक्षा से लेकर कारोबार, तथा अन्य सभी आवश्यक कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। इतना ही नहीं अगर किसी व्यक्ति का कोई कोर्ट केस चल रहा हो तो उससे भी निजात मिल जाती है। 

संतान सुख की भी होती है प्राप्ति- 
संतान का सुख हर कोई अपने जीवन में चाहता है, इसी को पाने के लिए कई बार दंपत्ति दर-दर भटकती रहती है, मगर फिर भी ये इच्छा पूरी नहीं होती। ऐसे में कहा जाता है व्यक्ति को शुक्रवार का व्रत करना चाहिए।  

Jyoti

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