मानो या न मानो: बुजुर्गों की ये बातें हैं जादू का पिटारा, फॉलो करने वाला नहीं होता कंगाल

Tuesday, Apr 18, 2017 - 08:57 AM (IST)

प्राचीनकाल से कुछ ऐसी परंपराएं चली आ रही हैं, जिनका क्या आधार है, यह हमें ज्ञात नहीं है। फिर भी हम उन पर आंख मुंद कर भरोसा करते हैं क्योंकि हमारे बड़े ऐसा करने को कहते हैं। बहुत सारी चीजें तो ऐसी भी हैं, जो हमारे तन-मन में संस्कार के रूप में शामिल हैं। हमारे पूर्वजों ने अपने अनुभवों के आधार पर कुछ ऐसी बातें बताई हैं, जिनका अनुकरण करने वाला का घर-परिवार कभी कंगाल नहीं होता। आईना किस जगह पर लगा हुआ है यह महत्वपूर्ण है। शयन कक्ष में आईना लगाना वर्जित है। आईने का निषेधात्मक प्रभाव कम करने के लिए उन्हें ढककर रखना चाहिए या इन्हें अलमारियों के अंदर की ओर लगवाना चाहिए। पलंग पर सो रहे पति-पत्नी को प्रतिबिंबित करने वाला आईना तलाक तक का कारण बन सकता है। इसलिए रात्रि के समय आईना दृष्टि से ओझल होना चाहिए। पलंग के सामने आईना बिल्कुल नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे पति-पत्नी के वैवाहिक संबंधों में भारी तनाव पैदा होता है।


उत्तर और पूर्व दिशा की तरफ मुख करके भोजन ग्रहण करें।


भोजन का पहला निवाला खाने से पूर्व अपने इष्ट देव को मन ही मन भोग लगाएं। अन्नपूर्णा मां का धन्यवाद करने के बाद खाना खाएं।


गृहलक्ष्मी जब रोटी बनाना आरंभ करे तो पहला रोटी गाय के लिए निकाले, दूसरी अग्नि देवता के लिए ओर आखिर की रोटी तेल लगा कर कुत्ते को खिलाएं।


सुबह उठकर, रात को सोने से पहले और महत्वपूर्ण काम पर जाने से पूर्व अपने माता-पिता और घर के अन्य बड़े सदस्यों का आशीर्वाद जरूर लें।


शुक्रवार के रोज खीर बनाकर कुंवारी और विवाहित महिलाओं को खिलाएं। संभव न हो तो सफेद रंग का मिष्ठान भी बांट सकते हैं।


रात को सोने पहले जूठे बर्तन धो कर, रसोई को साफ और स्वच्छ करके सोएं।


डबल बैड पर एक ही गद्दा होना चाहिए। पति-पत्नी का दो अलग-अलग पलंग पर सोना बुरी बात नहीं है, पर यह अलग होने का कारण बन सकता है।


चीन में दरवाजे की ओर पांव करके सोना मृत्यु का सूचक माना जाता है। वास्तव में मृत शरीर इसी अवस्था में रखा जाता है, जो उसके लिए अच्छा माना जाता है।


अलमारी कभी भी खुली न छोड़ें। 

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