किसी भी परिस्थिति में करें खुद पर यकीन वरना...

Thursday, Feb 27, 2020 - 09:28 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
एक बार तो ऐसा लगा कि स्कूल में लगी वह आग उसकी जीवन-लीला समाप्त कर देगी। डॉक्टरों ने उस लड़के की मां को बताया कि आग ने उसके निचले शरीर को बर्बाद कर दिया है और अब उसका बचना बहुत मुश्किल है। अगर वह किसी तरह से बच भी गया तो जिंदगी भर चल नहीं पाएगा। ये बातें पता लगने के बावजूद उसने हार नहीं मानी। उसकी जिजीविषा ने उसकी जान बचाकर डॉक्टरों को भी अचंभित कर दिया।
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अस्पताल से वापस आने के बाद उस युवक ने अपने पैरों पर खड़े होने की ठानी और दिन-रात कसरत करने लगा। एक दिन वह व्हीलचेयर से घास में गिरा, घिसटते हुए बाड़ तक पहुंचा और उसे पकड़कर खड़ा हो गया। लड़खड़ाते हुए उसने कुछ कदम भी आगे बढ़ाए। वह रोज ऐसा करने लगा और कुछ दिनों में बिना सहारे के चलने में सफल हो गया। इसके बाद धीरे-धीरे उसने दौड़ना शुरू किया, फिर दौड़ को स्कूल तक बढ़ाया और कॉलेज में आते-आते वहां की ट्रैक टीम में शामिल हो गया।

साल था सन् 1934 और स्थान था न्यूयॉर्क का मशहूर मेडिसन स्क्वायर गार्डन। वह युवक-जिसका चल सकना तकरीबन नामुमकिन था और दौड़ने की तो कल्पना करना ही असंभव-सा था, उसने दुनिया के तब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए सबसे कम वक्त में एक मील की दौड़ लगाकर सबको चौंका दिया। उस धावक का नाम था डॉ. ग्लेन कनिंघम। सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास की जीती-जागती मूरत ग्लेन कनिंघम आज भी प्रेरणा-स्रोत हैं। कनिंघम की जीवन-गाथा सिखाती है कि जब हालात पूरी तरह से आपके विपरीत हों, कहीं से भी उम्मीद की कोई किरण नजर न आ रही हो, तब भी उन स्थितियों में खुद पर भरोसा कैसे बनाए रखा जाए और कैसे जीत हासिल की जाए।

Lata

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