महाश‌िवरात्र‌ि: पूजन से पहले रखें इन बातों का ध्यान, मिलेगा पुण्य लाभ

Monday, Feb 20, 2017 - 12:53 PM (IST)

सभी उत्सवों में श्रेष्ठ ‘शिवरात्रि’ का त्यौहार 24 फरवरी को है। भक्त लोग शिवरात्रि के दिन होने वाले उत्सव पर सारी रात्रि जागरण करते हैं और यह सोच कर कि खाना खाने से आलस्य, निद्रा और मादकता का अनुभव होने लगता है वे अन्न भी नहीं खाते ताकि उनके उपवास से भगवान शिव प्रसन्न हों परंतु मनुष्यात्माओं को तमोगुण में सुलाने वाले विकारों का मनुष्य त्याग नहीं करता तब तक उसकी आत्मा का पूर्ण जागरण हो ही नहीं सकता और तब तक आशुतोष भगवान शिव भी उन पर प्रसन्न नहीं हो सकते हैं क्योंकि भगवान शिव तो स्वयं ‘कामारि’ (काम के शत्रु) हैं, वह भला ‘कामी’ मनुष्य पर कैसे प्रसन्न हो सकते हैं?

    

महाश‌िवरात्र‌ि पर पूजन के लिए जाने से पहले रखें इन बातों का ध्यान


भगवान शिव को प्रिय हैं ये चीजें 

जल: ॐ नम: शिवाय मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाएं, स्वभाव से संबंधित सभी विकार शांत होंगे। जब हम ‘शिव’ कहते हैं, तो हम ऊर्जा को एक खास तरीके से, एक खास दिशा में निर्देशित करने की बात करते हैं। 'शिवम' में यह ऊर्जा अनंत स्वरुप का रुप धारण करती है। मंत्र 'ॐ नम: शिवाय' का महामंत्र भगवान शंकर की उस उर्जा को नमन है जहां शक्ति अपने सर्वोच्च रूप में आध्यात्मिक किरणों से भक्तों के मन-मस्तिष्क को संचालित करती है।
 
केसर: केसर चढ़ाने से शिष्टता और भद्रता प्राप्त होती है।
 
चीनी (शक्कर): आर्थिक अभाव से मुक्ति मिलती है।
 
इत्र: कदम नहीं डगमगाते, भोले बाबा सदा भक्त के अंग-संग रहते हैं।
 
दूध: शरीर स्वस्थ रहता है। 
 
दही: समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
 
घी: शक्ति में बढ़ौतरी होती है।
 
चंदन: समाज में प्रतिष्ठा और वैभव मिलता है।
 
शहद: बोली मिठी होती है। 

भांग: कमियां और बुराइयां समाप्त होती हैं। 


भगवान शिव पर न चढ़ाएं ये सामान

शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरुषत्व का सूचक है इसलिए उन पर हल्दी का अर्पण वर्जित है।


शिवलिंग पर लाल रंग, केतकी एवं केवड़े के पुष्प अर्पित नहीं किए जाते।


भगवान शिव पर कुमकुम और रोली का अर्पण भी निषेध है। 


भगवान शंकर ने शंखचूर नामक दैत्य का वध किया था, जिसके कारण उनकी पूजा में शंख की मनाही है।


भोलेनाथ पर नारियल अर्पित करना वर्जित है। 


शिवलिंग पर और शिवपूजन में तुलसी पत्ते का प्रयोग भी निषेध है। 

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