महिला पुरुष Bed पर न करें ये एक काम, होते हैं बहुत सारे नुकसान

Friday, Dec 02, 2016 - 10:38 AM (IST)

सुखी जीवन का आधार है स्वस्थ तन और मन। पैसा कमाने की दौड़ में मन बेचैन रहता है और तन को रोग अपना घर बना लेते हैं। आज बदलते लाइफस्टाइल के साथ  रहन-सहन आधुनिक होता जा रहा है। शास्त्रों में कहा गया है जैसा तन वैसा मन अर्थात व्यक्ति जैसा भोजन खाता है उसकी मन स्थिती भी वैसी हो जाती है।


रामायण में भी वर्णन आता है, जब देवी सीता अशोक वाटिका में थी तो उस समय उन्होंने त्रिजटा को सात्विक भोजन की महत्ता बताई थी। भोजन के राही व्यक्ति अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करता है। 


हमारी जीवनशैली और वास्तुशास्त्र के बीच गहरा संबंध है। हमारे इर्दगिर्द फैले हुए वास्तुदोषों की वजह से हमारे जीवन में ऋणात्मक उर्जा का संचय होता है। वास्तु दोष मूलतः हमारे रहन-सहन की प्रणाली से उत्पन्न होता है। यह हमारी जीवनशैली के साथ-साथ अमूल्य देह को भी नष्ट करता है। खाना खाते और पकाते समय कुछ बातों का ध्यान रखें...


* स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचना चाहते हैं तो बैड पर बैठकर और भोजन की थाली को हाथ में पकड़कर खाना नहीं खाएं।


* भोजन करते समय जूते नहीं पहनने चाहिए।

 

* खड़े होकर भोजन न करें, बल्कि बैठकर खाएं।


*  जिस प्रकार हम घर को वास्तु अनुसार फलदायी बनाते हैं, वैसे ही शरीर के वास्तु को योग अौर व्यायाम करके सुधारा जा सकता है।
 

* तैलीय खाना, फास्ट फूड, जंक फूड, स्पाइसी फूड, ग्रेवी फूड आदि का सेवन न करके स्वच्छ सात्विक अौर पौष्टिक भोजन करें। खाने के पश्चात कुछ मीठा खाना अौर फल का सेवन अच्छा होता है। 
 

* प्रतिदिन स्नान करके शरीर को स्वस्थ अौर सुगंधित रखें।


* पूर्व और उत्तर दिशा की ओर मुख करके भोजन करने से शरीर को ऊर्जा मिलती है।


* शांत मन से भोजन करें, किसी की निंदा चुगली न करें।


* परोसे हुए भोजन में त्रुटियां न निकालें।

 

* खाना बनाने से पहले इष्टदेव का ध्यान करें। 

 

* खाना खाने से पूर्व अन्नपूर्णा माता को प्रणाम करना चाहिए। 
 

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