Basant Panchami 2019: कमजोर विद्यार्थी आज गले में पहनें ये चीज़

punjabkesari.in Sunday, Feb 10, 2019 - 11:10 AM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)

यूं तो पूरा माघ का महीना उत्साहवर्धक होता है परन्तु बसंत पंचमी का पर्व भारतीय जन-जीवन को अनेक प्रकार से प्रभावित करता है। प्राचीन समय से इसे ज्ञान और कला की देवी सरस्वती के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। जो शिक्षाविद् भारतीयता से प्यार करते हैं वे इस दिन मां शारदा की पूजा कर उनसे और अधिक ज्ञानवान होने का वर मांगते हैं। बसंत पंचमी पूरे देश में बड़ी धूम-धाम से मनाई जाती है। इस दिन लोग पीले वस्त्र पहनते हैं और खाने में पीले चावल तथा मिठाइयों का प्रयोग करते हैं। पूरा आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से भर जाता है।    

PunjabKesariकमजोर छात्र आज के दिन अवश्य करें ये काम-
जो विद्यार्थी शिक्षा में कमजोर हैं, आज के दिन 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करें। इससे उनकी एकाग्रता बढ़ेगी।

प्राण प्रतिष्ठायुक्त सरस्वती माता का चित्र अपने अध्ययन कक्ष या टेबल पर रखें।

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यदि किसी नवजात बच्चे के जन्म पर सोने की सलाई को शहद में डुबो कर उसकी जीभ पर ओम् लिख दिया जाए तो वह विद्या में प्रवीण होता है और उसकी  स्मरण शक्ति प्रखर रहती है। 

अपनी टेबल पर क्रिस्टल या स्फटिक का ग्लोब रखें और उसे दिन में कम से कम 3 बार घुमाएं ।

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पढ़ाई सदा टेबल-कुर्सी पर बैठ कर ही करें और मुख पूर्व या उत्तर या उत्तर-पूर्व की ओर रखें। पीठ के पीछे ठोस दीवार हो खिड़की नहीं।

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कम्प्यूटर आग्नेय कोण अर्थात दक्षिण- पूर्व दिशा और पुस्तकों की अलमारी, दक्षिण - पश्चिम में रखें।

जहां बैठते हैं वहां क्रिस्टल बॉल लटका लें या टेबल पर अभिमंत्रित एजुकेशन टॉवर रखें। इससे एकाग्रता बढ़ती है।

पढऩे वाले स्थान के पर्दे, कुर्सी के कवर आदि हल्के हरे रखें, काले या गहरे नीले न हों।

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पढऩे बैठने से पहले - ओम् ऐं हृीं सरस्वत्यैै नम: का 5,11 या 21 बार मंत्र जाप करें।

तुलसी के 11 पत्ते, मिश्री के साथ गटक जाएं, उसे चबाएं नहीं।

कुंभ के बारे में कितना जानते हैं आप !


 


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Niyati Bhandari

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