Basant Panchami 2022: कैसे हुआ मां सरस्वती का अवतरण, पढ़ें कथा

Friday, Jan 28, 2022 - 10:54 AM (IST)

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Basant Panchami 2022: मां सरस्वती को समर्पित वसंत पंचमी का त्यौहार इस साल 5 फरवरी, 2022 को मनाया जा रहा है। इस त्यौहार को ऋतुओं का राजा भी कहा जाता है। वसंत पंचमी का पर्व श्री पंचमी व ज्ञान पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मां शारदा की पूजा- अर्चना करने का विशेष महत्व है। यह पर्व पूरे उत्तर भारत में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। बच्चों में इस दिन को लेकर खासा ही उत्साह दिखाई देता है क्योंकि उन्हें पंतगे उड़ाने का खास अवसर मिलता है। बच्चे और जवान सब आसमान में पतंगबाजी का मजा लेते हैं। इस मौसम में फूल, पत्तों, आकाश और धरती हर जगह बहार छा जाती है। पेड़ों से पुराने पत्ते झड़ जाते हैं और उनकी जगह पर नए फूल और पत्ते आ जाते हैं। प्रकृति का यह दृश्य मन को भाने वाला होता है। इस सुहाने मौसम में ही वसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। आज के दिन एक दिव्य शक्ति के रूप में मां सरस्वती का प्रकाट्य हुआ था।

Maa Saraswati Katha- जब सृष्टि के निर्माण का कार्य भगवान विष्णु ने ब्रह्मा जी को दिया। उस समय हर तरफ उदासी का वातावरण देख भगवान विष्णु ने ब्रह्मा जी से इसको दूर करने का उपाय मांगा। फिर उन्होंने श्री विष्णु जी के कहने पर कमंडल में जल भरकर धरती पर छिड़का। जल छिड़कने के बाद वहां एक सुंदर चार भुजाओं वाली सुंदरी उत्पन्न हुई, जिसके हाथ में वीणा थी। चेहरे पर अद्भुत तेज लिए मां ने ब्रह्मा जी को प्रणाम किया। इस प्रकार वह ब्रह्मा जी की पुत्री कहलाई, जिसने धरती के जीवों को वाणी प्रदान की। यह देवी विद्या, बुद्धि और संगीत की देवी थी, जिसके आने से सारे संसार का माहौल संगीतमय और मधुर हो गया। उन्हें देवी सरस्वती के नाम से संसार में जाना जाने लगा।

यही कारण है कि वसंत पंचमी का दिन देवी सरस्वती के जन्म दिवस के रूप में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। आज के दिन लोग माता सरस्वती की पूजा करते हैं और अपने घरों में सरस्वती यंत्र की भी स्थापना करते हैं। वसंत के दिन लोग पीले मीठे चावलो का मां को भोग लगाकर प्रसाद रूप में बांटते हैं।

Niyati Bhandari

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