बगलामुखी जयंती 2019ः यहां जानें, इस देवी के स्वरूप के बारे में

Saturday, May 11, 2019 - 04:11 PM (IST)

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हिंदू धर्म में 10 महाविद्याओं में से एक, आठवें रूप में देवी बगलामुखी को पूजा जाता है। इनका स्वरूप पीली आभा से युक्त होता है, इसलिए इन्हें पीताम्बरा कहा जाता है। इनकी पूजा में पीले रंग और पीले वस्त्र का विशेष महत्व होता है। वैशाख माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली अष्टमी तिथि को बगलामुखी जयंती मनाई जाती है और इस बार यह कल यानि 12 मई 2019 को मनाई जा रही है। 

कुछ मान्यताओं के अनुसार माता बगलामुखी का प्राकट्य स्थान गुजरात का सौराष्ट्र है। मां बगलामुखी स्तंभन शक्ति की अधिष्ठात्री देवी हैं यानि यह अपने भक्तों के भय को दूर करके शत्रुओं और उनके बुरी शक्तियों का नाश करती हैं। ज्यादातार लोग माता की उपासना शत्रुनाश, वाक-सिद्धि, वाद-विवाद में विजय के लिए करते हैं। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इनकी उपासना से शत्रुओं का नाश होता है और भक्त का जीवन हर प्रकार की बाधा से मुक्त हो जाता है।

शास्त्रों के अनुसार बगला शब्द संस्कृत भाषा के वल्गा का अपभ्रंश है। जिसका अर्थ होता है- दुलहन। इसलिए मां के अलौकिक सौंदर्य और स्तंभन शक्ति के कारण ही इन्हें इस नाम से पुकारा जाता है। यह देवी रत्न जडित सिंहासन पर विराजती होती हैं और ये रत्नमय रथ पर आरूढ़ हो शत्रुओं का नाश करती हैं। कहते हैं कि जो भक्त सच्चे मन से देवी की भक्ति करते है उसे कोई भी नहीं हरा पाता और वह अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता पाता है। कहते हैं कि पीले फूल और नारियल चढाने से देवी जल्दी प्रसन्न होती हैं। 

Lata

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