Khichdi Mela: ऐसे हुआ था खिचड़ी बनाने की पंरपरा का आरंभ, आज लगेगा मेला

Monday, Jan 15, 2024 - 10:40 AM (IST)

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Khichdi mela of gorakhnath temple complex begin ceremonially: मकर संक्राति के शुभ दिन से गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी मेला शुरू होगा। एक महीने तक चलने वाले इस मेले में देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। किवंदती के अनुसार ये पूर्वांचल का सबसे बड़ा मेला है। हर साल की तरह इस साल भी पहली खिचड़ी नेपाल नरेश की ओर से चढ़ाई जाएगी। नेपाल राजवंश में गुरु गोरखनाथ को गुरु के रूप में पूजा जाता है। तभी तो नेपाल के राजमुकुट और मुद्रा पर गुरु गोरखनाथ का नाम और उनकी चरण पादुका अंकित है।

Know all thing about Khichdi mela of Gorakhnath temple: लोक मान्यता के अनुसार मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी बनाने की परंपरा का आरंभ भगवान शिव ने किया था और उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से मकर संक्रांति के मौके पर खिचड़ी बनाने की परंपरा का आरंभ हुआ था।

Khichdi Fair of Gorakhpur : उत्तर प्रदेश में मकर संक्रांति को खिचड़ी पर्व भी कहा जाता है। मान्यता है की बाबा गोरखनाथ जी भगवान शिव का ही रूप थे। उन्होंने ही खिचड़ी को भोजन के रूप में बनाना आरंभ किया।

Story of khichdi mela : पौराणिक कहानी के अनुसार खिलजी ने जब आक्रमण किया तो उस समय नाथ योगी उन का डट कर मुकाबला कर रहे थे। उनसे जुझते-जुझते वह इतना थक जाते की उन्हें भोजन पकाने का समय ही नहीं मिल पाता था। जिससे उन्हें भूखे रहना पड़ता और वह दिन ब दिन कमजोर होते जा रहे थे।

Preparation of Khichdi Mela at Gorakhnath Temple: अपने योगियों की कमजोरी को दूर करने लिए बाबा गोरखनाथ ने दाल, चावल और सब्जी को एकत्र कर पकाने को कहा। बाबा गोरखनाथ ने इस व्यंजन का नाम खिचड़ी रखा। सभी योगीयों को यह नया भोजन बहुत स्वादिष्ट लगा। इससे उनके शरीर में उर्जा का संचार हुआ।

Khichdi and Magh Mela: आज भी गोरखपुर में बाबा गोरखनाथ के मंदिर के समीप मकर संक्रांति के दिन से खिचड़ी मेला शुरू होता है। यह मेला बहुत दिनों तक चलता है और इस मेले में बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी का भोग अर्पित किया जाता है और भक्तों को प्रसाद रूप में दिया जाता है।

 

 

 

Niyati Bhandari

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