राम हमारे ही नहीं, सबके हैं : मोदी

Tuesday, Jan 23, 2024 - 07:16 AM (IST)

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अयोध्या (प.स.): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सियावर रामचंद्र की जय के साथ संबोधन की शुरूआत की। उन्होंने कहा कि आज हमारे राम आ गए हैं। सदियों की प्रतीक्षा के बाद हमारे राम आ गए हैं। कितना कुछ कहने को है लेकिन कंठ अवरूद्ध है, शरीर स्पंदित है, चित्त अभी भी उस पल में लीन है। हमारे रामलला अब टैंट में नहीं रहेंगे। हमारे रामलला अब दिव्य मंदिर में रहेंगे। मेरा पक्का विश्वास है, अपार श्रद्धा है, जो घटित हुआ है, इसकी अनुभूति देश और विश्व के कोने-कोने में राम भक्तों को हो रही होगी। राम के इस काम में कितने ही लोगों ने त्याग और तपस्या की। अपनी सोच पर पुनर्विचार कीजिए, राम आग नहीं हैं, ऊर्जा हैं। राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं। राम सिर्फ हमारे नहीं, राम सबके हैं। राम वर्तमान ही नहीं, राम अनंत हैं।

आदिवासी मां शबरी कब से कहती थी- राम आएंगे
पी.एम. मोदी ने कहा कि आदिवासी मां शबरी कब से कहती थी- राम आएंगे। प्रत्येक भारतीय में जन्मा यही विश्वास समर्थ, सक्षम, भव्य भारत का आधार बनेगा। हम सब जानते हैं कि निषाद राज की मित्रता सभी बंधनों से परे है। उनका अपनापन कितना मौलिक है। सब अपने हैं, सभी समान हैं। सभी भारतीयों में अपनत्व की भावना नए भारत का आधार बनेगी। यही देव से देश और राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार है। 

राम भारत की आस्था हैं
पी.एम. मोदी ने कहा कि यह मंदिर मात्र एक दैव मंदिर नहीं है, यह भारत की दृष्टि का, दर्शन का, दिग्दर्शन का मंदिर है। यह राम के रूप में राष्ट्र चेतना का मंदिर है। राम भारत की आस्था हैं, भारत के आधार हैं।

जटायु का भी किया जिक्र
लंकापति रावण ज्ञानी थे, लेकिन जटायु की मूल्य निष्ठा देखिए। वे महाबली रावण से भिड़ गए। उन्हें पता था कि वे परास्त नहीं कर पाएंगे, फिर भी उन्होंने रावण को चुनौती दी। 

हजारों साल बाद भी होगी इस पल की चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हजार साल बाद भी लोग आज की इस तारीख और इस पल को याद रखेंगे. लोग हजारों साल बाद भी इस पल की चर्चा करेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि ये राम की ये कितनी बड़ी कृपा है कि हम सब इस पल को जी रहे हैं और इसे साक्षात घटित होते देख रहे हैं।

कालचक्र फिर बदलेगा
पी.एम. मोदी ने कहा कि आज शाम घर-घर राम ज्योति प्रज्वलित करने की तैयारी है। उसे महसूस करने का विनम्र प्रयास था। अब कालचक्र फिर बदलेगा और शुभ दिशा में बढ़ेगा।

प्रभु श्रीराम हमें माफ करें 
आज मैं प्रभु श्रीराम से क्षमा भी मांगता हूं।’ हमारे प्रयासों में, हमारे त्याग में, हमारी तपस्या में कुछ न कुछ कमियां रही होंगी, जो हम इतनी शताब्दियों तक इस कार्य को पूरा नहीं कर सके। 

Prachi Sharma

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