क्या है गणपति विसर्जन का शुभ मुहूर्त व विधि

Friday, Sep 06, 2019 - 10:45 AM (IST)

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“जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जानकी पार्वती पिता महादेवा”

शिव-पार्वती के पुत्र गणेश जी को हिंदू धर्म में सर्वप्रथम देवता का दर्जा प्राप्त है। जिस कारण हर तरह के धार्मिक आयोजन में सबसे पहले इन्हीं की वंदना-आराधना होती है। 2 सितंबर यानि भाद्रपद की चतुर्थी को इस सास साल की गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया गया है। जिसके बाद से पूरे देश में गणेश उत्सव की धूम शुरू हो गई। इस दौरान लोग अपने घरों में बप्पा को लेकर आते हैं और कुछ दिन बाद उनकी अच्छे से सेवा आदि करके उनको पावन नदी में विसर्जित कर देते हैं। बता दें ये गणेश उत्सव कुल 10 दिन तक चलता है। अनंत चतुर्दशी के दिन इनका विसर्जन किया जाता है। मगर कुछ लोग अपनी सामर्थ्य के अनुसार इनको 2 से 5 दिन ही घर में रखते हैं। मगर जो लोग इन्हें पूरे 10 दिन रखते हैं ज्योतिष के अनुसार शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना चाहिए।

गणपति विसर्जन तारीख और शुभ मुहूर्त-
12 सितंबर, अनंत चतुर्दशी

तिथि-चतुर्दशी की तिथि 12 सितंबर सुबह 5:06 बजे से शुरू होकर अगले दिन सुबह 7:35 तक है। यूं तो अनंत चतुर्दशी का पूरा दिन शुभ माना जाता है। इसके चलते किसी भी वक्त विसर्जन कर सकते हैं। मगर इस दिन सबसे शुभ मुहूर्त हैं सुबह 6:01 से 07:32 तक, सुबह 10:34 से 3:07 तक, शाम 4:38 से 9:07 बजे तक, फिर रात 12:05 से 1:34 तक।

विसर्जन की विधि
गणपति बप्पा की विदाई से पहले इनकी आरती उतारकर उनके जयकारे लगाएं, फिर गणेश जी को मोदक, मिठाई का भोग लगाएं फिर उन्हें विदाई के लिए वस्त्र पहनाएं। इन्हें विदा करते समय क्षमा प्रार्थना करके भूल-चूक के लिए क्षमा ज़रूर मांग लेनी चाहिए। एक कपड़े में सुपारी, दूर्वा, मिठाई और कुछ पैसे रखकर उसे गणपति के साथ बांध दें। पूजा से संबंधित सभी सामग्री को गणेश जी के साथ जल में विसर्जित कर दें। आरती करने के बाद भगवान को भोग लगाया जाता है, जिसे बाद में परिवार के सदस्यों में वितरित कर दिया जाता है। आरती और प्रसाद के बाद परिवार का एक सदस्य धीरे-धीरे गणपति की मूर्ति को थोड़ा आगे बढ़ाता है। ऐसा करना गणपति को इशारा करता है कि अब विसर्जन का समय आ गया है।

Jyoti

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