20 साल बाद बन रहा है सर्वपितृ अमावस्या पर शुभ संयोग, इस तरह पाएं पितरों का आशीर्वाद

Tuesday, Sep 24, 2019 - 06:03 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
सितंबर महीने की 28 सितंबर को इस साल के पितृ पक्ष का समापन हो जाएगा। हर साल पितृ अमावस्या जिसे सर्वपितृ अमावस्या व पितृ विसर्जनी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन वो लोग अपने पूर्वजों का श्राद्ध करते हैं जिन्हें अपने पूर्वजों की पितृ तिथि आदि के बारे में जानकारी नहीं होती। क्योंकि इस दिन हर कोई अपने पूर्वजों का श्राद्ध व पितृ तर्पण कर सकता है इसलिए इस अमावस्या को बहुत खास माना जाता है। माना जा रहा है इस बार 20 साल बाद अमावस्या पर ये शुभ संयोग आया है कि ये अमावस्या शनिवार को पड़ रही है।

जिसके चलते इसका महत्व ज्यादा बढ़ गया है। तो आइए आपको बताएं कि सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए क्या करना चाहिए।

सर्वपितृ अमावस्या के दिन पीपल के पत्तों पर पांच तरह की मिठाइयां रखें। फिर पूर्वजों का ध्यान करें, पितर प्रसन्न होंगे।

तर्पण करने से पूर्व हाथ में कुश की अंगूठी पहनें। इसके बाद दांए हाथ में जल, जौ और काले तिल लेकर अपना गोत्र बोलें और फिर इन चीजों को पितरों को समर्पित कर दें।

पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इससे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलेगी।

20 साल बाद शनिवार के दिन पड़ रही है इस सर्वपितृ अमावस्या के दिन चींटी, कौवा, गाय, कुत्ता और ब्राह्मण के नाम से भोजन निकाल दें। पितरों की कृपा आप पर सदैव बनी रहेगी।

अमावस्या के दिन श्राद्ध के लिए तिल और चावल मिलाकर पिंड बनाएं और पितरों को अर्पित करें।

इसके अलावा सर्वपितृ अमावस्या के दिन सुबह सूर्य देव को जल अर्पण करें।

Jyoti

Advertising