ज्योतिष की सलाह: आज से लेकर 5 दिन तक रहें सावधान
punjabkesari.in Friday, Jan 15, 2021 - 12:59 AM (IST)
Panchak January 2021: ज्योतिषशास्त्र की मुहूर्त प्रणाली के अनुसार पंचक पांच नक्षत्रों का ऐसा समूह होता है जिसमें बहुत सारे कामों को करने की मनाही होती है। शास्त्रानुसार जब चंद्रमा कुंभ व मीन राशि में भ्रमण कर अंतिम पांच नक्षत्रों धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद व रेवती में होता है तो उस अवधि को पंचक कहते है। हर महीने में लगभग 27 दिनों के अंतराल पर पंचक नक्षत्र आते ही रहते हैं। पंचक के मात्र नाकारात्मक प्रभाव नहीं होते परंतु उसके सकारात्मक प्रभाव भी हैं। शुभ कार्यों, खास तौर पर देव पूजन में पंचक का विचार नहीं किया जाता। अत: पंचक के दौरान पूजा-पाठ अनुष्ठान या धार्मिक क्रिया कलाप किए जा सकते हैं।
Panchak Muhurat: आज 15 जनवरी शुक्रवार को शाम 5 बजकर 6 मिनट से पंचक का आरंभ होगा, जो 20 जनवरी बुधवार को 12 बजकर 37 मिनट तक रहेगा।
Quintet 2021: शास्त्रों में पंचक के दौरान कुछ विशेष कार्यों को न करने की सलाह दी गई है। पंचक हमारे जीवन शुभाशुभ प्रभाव डालते हैं तथा पंचक में क्या कार्य फलदायी कहे गए हैं और क्या कार्य वर्जित कहे गए हैं। पंचक में कुछ कार्य विशेष फलदायी होते हैं। धनिष्ठा नक्षत्र में पर्यटन, मनोरंजन के कार्य शुभ होते हैं। शतभिषा नक्षत्र में मार्केटिंग व वस्त्रभूषण खरीदना शुभ होता है। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में वाद-विवाद व मुकदमे जैसे कामों को करना अच्छा रहता है। उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में शिलान्यास, योगाभ्यास व दीर्घकालीन योजनाओं को प्रारंभ करना श्रेष्ठ रहता है। रेवती नक्षत्र में संगीत, अभिनय व फैशन शो आयोजित किए जा सकते हैं।
Panchak Me Kya Na Kare: पंचक में कुछ कार्य विशेष रूप से निषिद्ध कहे गए हैं-
पंचकों में शव का क्रियाकर्म करना निषिद्ध है क्योकि पंचक में शव का अंतिम संस्कार करने पर कुटुंब या पड़ोस में पांच लोगों की मृत्यु हो सकती है।
पंचकों के पांच दिनों में दक्षिण दिशा की यात्रा वर्जित कही गई है क्योंकि दक्षिण मृत्यु के देव यम की दिशा मानी गई है।
चर संज्ञक धनिष्ठा नक्षत्र में अग्नि का भय रहने के कारण घास लकड़ी ईंधन इकट्ठा नहीं करना चाहिए।
मृदु संज्ञक रेवती नक्षत्र में घर की छत डालना धन हानि व क्लेश कराने वाला होता है।
पंचकों के पांच दिनों में चारपाई नहीं बनवानी चाहिए।
Panchak Upay: पंचक दोष दूर करने के उपाय-
लकड़ी का समान खरीदना अनिवार्य होने पर गायत्री यज्ञ करें।
दक्षिण दिशा की यात्रा अनिवार्य हो तो हनुमान मंदिर में पांच फल चढ़ाएं।
मकान पर छत डलवाना अनिवार्य हो तो मजदूरों को मिठाई खिलाने के पश्चात छत डलवाएं।
पलंग या चारपाई बनवानी अनिवार्य हो तो पंचक समाप्ति के बाद ही इस्तेमाल करें।
शव का क्रिया कर्म करना अनिवार्य होने पर शव दाह करते समय कुशा के पंच पुतले बनाकर चिता के साथ जलाएं।
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