Astrology: ये हैं दुनिया भर में ‘भविष्य’ जानने के दिलचस्प तरीके

Friday, Mar 25, 2022 - 08:47 AM (IST)

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Astrology: ये हैं दुनिया भर में ‘भविष्य’ जानने के दिलचस्प तरीके हर इंसान अपना, अपने समाज और इस दुनिया के अनदेखे भविष्य का तिलिस्म समझना चाहता है। यही कारण है कि दुनिया में, भविष्य में झांकने के सैकड़ों तरीके प्रचलित हैं। भविष्य कथन का कारोबार मानवता के इतिहास का ऐसा धंधा है, जिसमें लाखों-करोड़ों रुपए कमाए और खर्च किए जाते हैं। ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जिनको ज्योतिष और भविष्यवाणियों पर यकीन ही नहीं, इसके बावजूद भविष्यवाणियों की दुनिया इतनी फल-फूल रही है कि संसार में आज हर देश में ज्योतिष की कोई न कोई विधा प्रचलित है। इस्लाम में भविष्य कथन को पाप माना गया है, इस्लामी कानूनों के मुताबिक भविष्य जानने में दिलचस्पी लेने वाले को इस्लाम से बेदखल (निष्कासित) करने का प्रावधान है। इसके बावजूद कट्टर मुस्लिम राष्ट्रों में भी ज्योतिष का अस्तित्व इल्म-अन-नजूम, इल्म-अन-फलक और इल्म-ए-जफर के रूप में कायम है।

How can I know my future by astrology भविष्यवाणी विधियां
भविष्यवाणी करने की बहुत-सी विधियां हर देश में कमोबेश प्रचलित हैं, यद्यपि यह स्पष्ट नहीं कि इन तरीकों का आधार कोई वैज्ञानिक तर्क है। आप लोगों में से कई लोग भी चेहरे, हाव-भाव और अपने अनुभव से लोगों के बारे में बहुत कुछ जान जाते होंगे। मोटे तौर पर भविष्य दर्शन के लिए निम्नलिखित प्रमुख तरीके आजमाए जाते हैं :

स्फटिक ज्योतिष (क्रिस्टलो फैंसी) : बहुत ही प्राचीन समय से भविष्य बताने की यह पारम्परिक और लोकप्रिय कला अनेक घुमंतू जनजातियों में बहुत अधिक प्रचलित रही है। इसमें किसी स्फटिक के कटोरे में भरे पानी, चमकते शीशे या रत्नों के भीतर झांक कर या पारदर्शी कांच से बनी एक बहुत बड़ी गेंद (ग्लोब) के भीतर देख कर भविष्य को महसूस किया जाता है। नास्त्रेदमस सहित संसार के अनेक प्रसिद्ध भविष्यवक्ता भी इसी तरीके का इस्तेमाल करते थे।

उड़ान विश्लेषण (आगरी) : आसमान में उड़ने वाले पक्षियों को देख कर किसी प्रकार का भविष्य कथन करना।

धर्म संकेत विज्ञान (बिब्लियोमैंसी) : किसी भी धर्म में आस्था रखने वाले की श्रद्धा के मुताबिक चुने गए पवित्र धार्मिक ग्रंथ के किसी पृष्ठ को अचानक खोलकर भविष्य बताना।

अस्थि-आकृति ज्योतिष (बोन कास्टिंग) : एक बड़े से बर्तन या झोले में पक्षियों या छोटे जानवरों की हड्डियों के विभिन्न आकृति वाले टुकड़े रख कर उनको अचानक भूमि पर फेंकने पर निश्चित क्षेत्र में बने आकार से भविष्य बताया जाता है। इस तरीके में कुछ आदिवासी कौड़ियो, पंख, रंगीन चमड़ा, लकड़ी के टुकड़े और सींग से बने पासे भी इस्तेमाल करते हैं।

ताश ज्योतिष (कार्टो फैंसी) : टैरो कार्ड की तरह ताश के पत्तों से भविष्य बताना।

मोम-आकृति ज्योतिष (सेरोमैंसी) : पिघलते मोम से बनने वाले आकारों के आधार पर भविष्य बताना।

टैरो ज्योतिष (टैरो फैंसी) : विशेष प्रतीकों चिन्हों, आकृतियों और चित्रों वाले टैरो कार्डों द्वारा भविष्य कथन।

हस्तरेखा शास्त्र (कीरो फैंसी): हाथ की रेखाओं से भविष्य बताने की इस प्राचीन कला को पामिस्ट्री भी कहते हैं। यह लम्बे समय से ज्योतिष की सबसे लोकप्रिय और सफल विधियों में गिनी जाती है।

शुभाशुभ कथन (क्रोनोमैंसी) : किसी व्यक्ति के जीवन की प्रमुख  शुभ-अशुभ घटनाओं, शुभ-अशुभ दिन, सप्ताह, माह और वर्ष के आधार पर भविष्यवाणी करना।

पक्षी ज्योतिष (एलेक्ट्रोमैंसी) : इसमें पिंजरे में बंद प्रशिक्षित तोता बाहर आकर वहां कतार में रखे अनेक भविष्य लिखित कार्डों में से किसी को भी चुन लेता है। इसी आधार पर व्याख्या करके भविष्यवाणी की जाती है।

दूर ज्योतिष (क्लेयरवायेंस): आध्यात्मिक या अंतर्दृष्टि द्वारा बहुत दूर से किसी व्यक्ति से मिले बिना ही उसके बारे में जानकर भविष्य बताना।

आंत्र लक्षण ज्योतिष (एक्सटिसपाइसी) : इसमें जानवरों की आंतड़ियो को हवा में उछाल कर निर्धारित स्थान में उनके गिरने पर बनी आकृति को देख कर भविष्य बताया जाता है।

मुखाकृति विज्ञान (फेस रीडिंग): इसमें चेहरे के रूप-रंग, नाक, आंख, मुंह इत्यादि को देख कर उनके आधार पर भविष्य बताया जाता है। वस्तुत: चेहरे के विभिन्न भाग, विभिन्न आयुओं को प्रतिबिंबित करते हैं। ऊपरी भाग बचपन और युवावस्था, मध्यम भाग प्रौढ़ावस्था तथा निचला भाग वृद्धावस्था को बताता है।

चीनी वास्तु शास्त्र (फेंग श्वे): किसी स्थान की ऊर्जा, वायु और जल के आधार पर भविष्य कथन करना।

हस्तलेख विज्ञान (ग्राफोलॉजी): हस्तलेख अथवा हस्ताक्षरों के अध्ययन से भविष्यवाणी करना।

रमल (जियो फैंसी) : हवा में रंगीन धूल, छोटे पत्थर अथवा विशेष प्रकार के पासे उछाल कर उनसे बनने वाली आकृति से भविष्य का अनुमान लगाना।

प्रश्न ज्योतिष (हौरेरी एस्ट्रॉलाजी) : पूछे गए प्रश्न के समय के अनुसार गणना करके भविष्य बताना।

वरुण विद्या (हाइड्रो फैंसी) : अभिमंत्रित पानी की सतह और उसकी हलचल को देख कर भविष्यवाणी करना।

सहस्त्रपर्णी ज्ञान (आई चिंग): विशेष प्रकार की लम्बी तीलियों अथवा सिक्कों को हवा में उछाल कर नीचे निर्धारित क्षेत्र में बने प्रतीकों के आधार पर भविष्यवाणी की चीनी विद्या।

अंक ज्योतिष (न्यूमेरोलॉजी): विभिन्न तरीकों से चुने गए अंकों के माध्यम से भविष्य बताना।

स्वप्न ज्योतिष (ऑन रोमैंस): स्वप्नों के विवरण को समझ कर उनके विश्लेषणों से भविष्य जानना।

नाम विश्लेषण (ओनोमैंसी): किसी व्यक्ति के नाम को अंकों में विभक्त करके विभिन्न आधारों पर परखना तथा उससे भविष्य बताना।

ची-ची (कौउ सिम) : बांस की खोखली नली में धूप बत्ती इत्यादि डालकर उनसे बने लिपिचिन्हों से भविष्य कथन की चीनी पद्धति।

दोलन ज्योतिष (पेंडुलम रीडिंग) : किसी डोरे में लटकी वस्तु को एक ज्योतिषीय आकृति पर पेंडुलम की तरह दाएं बाएं चलाकर उनकी गति दशा से भविष्य कथन करना।

चाय ज्योतिष (टैसियोमैंसी) : उबले पानी में चाय की पत्तियों या पिसे बीजों वाली काली काफी डालकर, प्रश्नकर्ता को विशेष ज्योतिषी प्रतीकों वाले प्याले में पिलाते हैं। चाय या काफी खत्म होने के बाद प्याले की तली में पत्तियों या काफी बीजों से बनी आकृतियों से भविष्य जांचा जाता है। चाय या काफी खत्म होने के बाद प्याले की तली में पत्तियों या काफी बीजों से बनी आकृतियों से भविष्य जांचा जाता है। 

Niyati Bhandari

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