26 जनवरी तक चलेगा ग्रह चक्रों का रचा खेल, होगा सुधार जब शनि बदलेंगे चाल

Friday, Dec 02, 2016 - 12:22 PM (IST)

क्या थी ग्रहों की स्थिति 8 नवंबर, 2016 की रात 8 बजे जिसने भारत में आर्थिक आपातकाल खड़ा कर दिया?

 

8 अंक की भूमिका 
जिस समय नोट बंद होने की घोषणा प्रधान मंत्री ने की , उस दिन तारीख थी 8 और हिन्दी तिथि भी अष्टमी अर्थात 8 और समय भी 8 बजे और दिन भी मंगलवार जो वैदिक ज्योतिष में आठवीं राशि का परिचायक भी है। मोदी जी की जन्म तिथि भी 17 अर्थात 8 है। उनका जन्म 17 सितंबर, 1950 को प्रात: 11 बजे मेहसाणा में हुआ था। उनकी कुंडली भी 8 नंबर यानी वृश्चिक लग्न की है। उन्होंने शपथ ग्रहण भी  26 मई, 2014 को किया अर्थात अंक 8 ही था। कहने का तात्पर्य यह है कि यहां ज्योतिषीय संयोगों को मानना ही पड़ेगा कि एक महत्वपूर्ण फैसला जिससे एक मिनट में पूरा देश त्राहि-त्राहि कर उठे , कुछ विशेष ग्रह चक्रों वाला तो होगा ही और सरकार के चाणक्यों में किसी एक महारथी को ज्योतिष का पूर्ण ज्ञान और इसमें विश्वास अवश्य होगा जिसने सरकार के शपथ ग्रहण की तारीख से लेकर नोट बंद करने के महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए केवल 8 का अंक ही चुना या चुनवाया।


इस दिन 8 बजे रात्रि, मिथुन लग्न, कुंभ राशि, सूर्य नीचस्थ, सूर्य व बुध साथ-साथ और धन का स्वामी गुरु कन्या राशि में है। इसके अलावा गोचर में पूर्ण कालसर्प योग है जो भारत की कुंडली में 15 अगस्त 1947 को भी था। ज्योतिषीय सूत्र के अनुसार जिसकी कुंडली में कालसर्प योग होता है और गोचर में भी आ जाए तो उस जातक के जीवन में उस अवधि में दोनों ही तरह का सकारात्मक एवं नकारात्मक किन्तु अभूतपूर्व परिवर्तन होता है। इसी लिए इस तरह का अच्छा और बुरा परिवर्तन देश के जीवन में भी हो रहा है। इसके अलावा एक अन्य महत्वपूर्ण दुर्योग शनि का अपने शत्रु मंगल की राशि वृश्चिक में पिछले लगभग ढाई वर्षों से बैठना भी देश में अराजकता, देश द्रोह, शत्रुओं के आक्रमण, आपात कालीन जैसी स्थिति और प्राकृतिक आपदाओं को बढ़ावा देता है। 


यह नाजुक हालत 26 जनवरी तक चलेगी जब शनि धनु राशि में प्रवेश कर जाएंगे। बैंकों का राष्ट्रीयकरण 19 जुलाई 1969 को किया गया था जो भारत की बैंकिंग प्रणाली  और अर्थव्यवस्था में एक अभूतपूर्व कदम था जिससे देश की बैंकिंग व्यवस्था ही बदल गई और बैंकों ने गरीबों के उत्थान में विशेष भूमिका निभाई।


इस दिन भी सूर्य तथा बुध एक साथ थे और गुरु कन्या राशि में थे। 8 नवम्बर को भी सूर्य -बुध एक साथ थे और गुरु उसी कन्या राशि में। ज्योतिष का यह प्रामाणिक संयोग यह इंगित करता है कि आने वाले समय में बैंकों का सशक्तिकरण अवश्यंभावी है।
2017 का साल, भारत के लिए, 2016 के मुकाबले और अधिक अच्छा रहेगा जिसमें राजा मंगल और मंत्री गुरु होगा। 


नास्त्रेदमस ने कहा था 
450 साल पहले फ्रांस के प्रसिद्ध भविष्य वक्का नास्त्रेदमस ने कहा था कि 2014 से 2026 के मध्य भारत का प्रतिनिधित्व एक अधेड़ आयु का व्यक्ति करेगा । वह भारत के साथ ही साथ पूरी दुनिया में एक नया अध्याय लिखेगा। इससे आरंभ में लोग बहुत ही ‘घृणा’ करेंगे लेकिन बाद में जनता और बाकी लोग बहुत प्यार देंगे। वह भारत की दशा और दिशा दोनों बदल देगा।


यहां यह भी आज के संदर्भ में उल्लेखनीय है कि नास्त्रेदमस ने अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने की भविष्यवाणी पहले ही कर दी थी।


 

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