ज्योतिष की चेतावनी: 8-13 मई तक बरतें सावधानी

Monday, May 07, 2018 - 11:20 AM (IST)

ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्र होते हैं। इन 27 नक्षत्रों में से अन्तिम 5 नक्षत्र  ‘धनिष्ठा’, ‘शतभिषा’, ‘पूर्वा भाद्रपद’, ‘उत्तरा भाद्रपद’ एवं ‘रेवती’ ये दूषित नक्षत्रों की श्रेणी में आते हैं। प्रत्येक नक्षत्र में 4 चरण होते हैं इसलिए धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण से लेकर रेवती नक्षत्र के चतुर्थ चरण तक पंचक समय होता है। जब तक इन 5 नक्षत्रों का समय चलता है तब तक 5 दिनों तक पंचक लगा रहता है। शास्त्र कहते हैं पंचक में कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए। कल 8 मई रात 9:00 बजे से पंचक शुरु हो रहा है, जो 13 मई दोपहर 1:32 बजे तक रहेगा। 

मंगलवार से शुरु होने के कारण इसे 'अग्नि पंचक' कहा जाएगा। व्यक्ति को कोर्ट केसों आदि के लिए शुभ होते हैं इसलिए इनमें इस तरह का कार्य किया जा सकता है। इस पंचक में अग्रि का डर होता है क्योंकि ये अग्रि पंचक होते हैं। अत: अशुभ है, इसलिए मंगलवार से शुरू होने वाले पंचकों में कोई भी मशीन आदि नहीं खरीदनी चाहिए और न ही कोई घर आदि बनाना चाहिए।

पंचक का अधिकतर विचार मृत्यु के समय किया जाता है जैसे अगर किसी की मृत्यु पंचक के दौरान हो गई तो उसके परिवार के 5 सदस्यों पर मृत्युतुल्य कष्ट आता है या कहा जा सकता है कि परिवार में 5 लोगों की भी मृत्यु होगी इसलिए अगर किसी की मृत्यु पंचक में हो जाए तो उसके दाह संस्कार के दौरान चावल और आटे को मिलाकर अथवा कुश घास के पांच पुतले बनाकर उनका भी शव के साथ दाह संस्कार किया जाए तो पंचक का दोष नष्ट हो जाता है।

शास्त्रों में कहा गया है-
धनिष्ठा पंचकं त्याज्यं तृणकाष्ठादिसंग्रहे।
त्याजया दक्षिणदिग्यात्रा गृहाणां छादनं तथा॥


पंचक के दिन, दूषित दिन होते है इसलिए पंचकों के 5 दिनों तक दक्षिण दिशा की आेर यात्रा नहीं करनी चाहिए क्योंकि दक्षिण दिशा यम की दिशा है। घर आदि बनवा रहें हो तो पंचक के दौरान छत नहीं डलवानी चाहिए। 
 

Niyati Bhandari

Advertising