इस शुभ मुहूर्त में करें अष्टमी-नवमी तिथि का श्राद्ध, मुक्त हो जाएंगे पितर

Saturday, Sep 21, 2019 - 01:53 PM (IST)

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इतना तो सब जानते हैं हिंदू धर्म में हर तरह के धार्मिक कार्य व अनुष्ठान को करने से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाता है। तो पितृ पक्ष इस होड़ में कैसे रह सकता है। क्योंकि हिंदू धर्म के अनुसार ये भी एक तरह का धार्मिक कार्य है जिसे संपन्न करके जातक अपने पूर्वजो की आत्मा को मोक्ष दिलवाता है। वैसे तो पितृ पक्ष के 16 के 16 दिन ही पितृ तर्पण करने के लिए शुभ होते हैं। परंत अगर इसे पंचांग के शुभ मुहूर्त के हिसाब से किया जाए तो पिंडदान अधिक शुभदायी माना जाता है। तो आइए जानते हैं अष्मी व नवमी श्राद्ध तिथि का शुभ मुहूर्त-
 
बता दें पितृ पक्ष अश्विन मास के कृष्ण पक्ष में पड़ते हैं। इस वर्ष अष्टमी का श्राद्ध 21 सितंबर यानि आज और नवमी का श्राद्ध कल 22 सितंबर को किया जाएगा। 

अष्टमी तिथि प्रारंभ: 21 सितंबर 2019 को सुबह 08 बजकर 21 मिनट से

अष्टमी तिथि समाप्त: 22 सितंबर 2019 को  रात 07 बजकर 50 मिनट तक

कुतुप मुहूर्त: 22 सितंबर 2019को सुबह 11 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक

कुल अवधि: 48 मिनट

रोहिण मुहूर्त: 22 सितंबर 2019 को दोपहर 12 बजकर 38 मिनट से दोपहर 03 बजकर 50 मिनट तक

कुल अवधि: 48 मिनट

अपराह्न काल: 23 सितंबर 2019 को दोपहर 01 बजकर 26 मिनट से दोपहर 03 बजकर 50 मिनट तक

कुल अवधि: 02 घंटे 24 मिनट

नवमी श्राद्ध की तिथि और शुभ मुहूर्त

नवमी तिथि प्रारंभ: 22 सितंबर 2019 को रात 07 बजकर 50 मिनट से

नवमी तिथि समाप्त: 23 सितंबर 2019 को  रात 06 बजकर 37 मिनट तक

कुतुप मुहूर्त: 23 सितंबर 2019 को सुबह 11 बजकर 37 मिनट से दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक

कुल अवधि: 48 मिनट

रोहिण मुहूर्त: 23 सितंबर 2019 को दोपहर 12 बजकर 37 मिनट से दोपहर 01 बजकर 25 मिनट तक

कुल अवधि: 48 मिनट

अपराह्न काल: 25 सितंबर 2019 को दोपहर 01 बजकर 25 मिनट से दोपहर 03 बजकर 49 मिनट तक

कुल अवधि: 02 घंटे 24 मिनट

 

Jyoti

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