Ashadha Gupt Navratri 2023: इस दिन से शुरू होगी आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि, जानें पूरी information

Tuesday, Jun 13, 2023 - 07:22 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Ashadha Gupt Navratri: हिंदू पंचांग के अनुसार साल में चार बार नवरात्री मनाई जाती हैं। दो गुप्त नवरात्रि और दो प्रकट नवरात्रि। इस बार 19 जून से आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि मनाए जाएंगे। मां को खुश करने के लिए भक्तों को नवरात्रि का बेसबरी से इंतजार रहता है। गुप्त नवरात्रि के दौरान महाविद्याओं की पूजा बहुत ही गुप्त तरीके से की जाती है। तंत्र और मंत्र के सहारे कुछ लोग बड़ी-बड़ी सिद्धियां प्राप्त कर लेते हैं। मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री राम ने खोई हुई शक्तियों को प्राप्त करने के लिए गुप्त नवरात्र में ही साधना की थी। तो चलिए जानते हैं कि कब शुरू होगी आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि।

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Ashadh Gupta Navratri आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2023
आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि 18 जून को सुबह 10:06 बजे शुरू होगी और 19 जून को सुबह 11:25 बजे पर इसका समापन होगा। उदया तिथि के अनुसार 19 जून से आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होगी और 28 जून को समाप्त होगी।

Kalash Pujan Muhurat कलश पूजन शुभ मुहूर्त
गुप्त नवरात्रि की पूजा के लिए कलश स्थापना का मुहूर्त 19 जून को सुबह 5:23 से शुरू होकर 7:27 तक रहेगा।
अभिजित मुहूर्त: 11: 55 से लेकर 12: 50 तक
इस मुहूर्त में भी कलश स्थापना की जा सकती है।

Navratri is related to the junction of seasons ऋतुओं के संधिकाल से है नवरात्रि का संबंध
कहते हैं कि नवरात्रि का संबंध ऋतुओं से है। दो ऋतुओं के संधिकाल के समय नवरात्रि का यह पर्व मनाया जाता है। संधिकाल का अर्थ है एक ऋतु का खत्म होना और दूसरी का शुरू होना। आषाढ़ महीने की नवरात्रि के समय ग्रीष्म ऋतु का अंत होता है और वर्षा की शुरुआत होती है।

Sadhna of 10 Mahavidyas in Gupta Navratri गुप्त नवरात्रि में इन10 महाविद्याओं की साधना करने का विधान है-
मां काली
मां तारा
मां धूमावती
मां बगलामुखी
मां त्रिपुर सुंदरी
मां भुवनेश्वरी
मां छिन्नमस्ता
मां त्रिपुर भैरवी
मां मातंगी
मां कमला

Gupt Navratri puja vidhi: गुप्त नवरात्रि की रात को इस विधि से करें गुप्त पूजा- मां को लाल सिंदूर और चुनरी चढ़ाकर नारियल, फल, तिल के लड्डू और बताशे का भोग लगाएं। लाल गुलाब के फूलों से मंदिर सजाकर, मां को लाल गुलाब की माला पहनाएं, सरसों के तेल का दीपक लगाकर आसन पर बैठकर इन मंत्रों का जाप करें-

Gupt Navratri Mantra: हर तरह का कल्याण चाहते हैं तो इस मंत्र का जाप करें-


सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुऽते॥

स्वास्थ्य एवं सफलता के लिए-
देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि में परमं सुखम्‌।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि॥

बाधा मुक्ति एवं धन-पुत्र प्राप्ति के लिए-
सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः।
मनुष्यों मत्प्रसादेन भवष्यति न संशय॥

तन और मन से सुंदर पत्नी के ‍‍‍लिए-
पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्।
तारिणीं दुर्ग संसारसागस्य कुलोद्‍भवाम्।।

गरीबी दूर करने के लिए-
दुर्गेस्मृता हरसि भतिमशेशजन्तो: स्वस्थैं: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।
दरिद्रयदुखभयहारिणी कात्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदार्द्रचित्ता।।

Niyati Bhandari

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