Bhadrapada Purnima: देवी लक्ष्मी के भाई को ले आएं घर, फिर देखें चमत्कार !

Thursday, Sep 28, 2023 - 02:33 PM (IST)

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Bhadrapada Purnima 2023: आज भाद्रपद पूर्णिमा के साथ श्राद्ध यानी पितृपक्ष का आरंभ हो रहा है। हिंदू शास्त्रों में ये तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है। इस रोज भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। जब धरती का जनन हुआ तो दैत्यों और देवताओं ने मिल कर समुद्र मंथन किया। शास्त्रों में वर्णित है समुद्र मंथन में सबसे पहले विष निकला तत्पश्चात समुद्र मंथन से लक्ष्मी, कौस्तुभ, पारिजात, सुरा, धन्वन्तरि, चंद्रमा, पुष्पक, ऐरावत, पांचजन्य, शंख, रम्भा, कामधेनु, उच्चैः श्रवा और अंत में अमृत कुंभ निकला जिसे लेकर धन्वन्तरि जी आए। देवी लक्ष्मी की तरह शंख भी सागर से ही उत्पन्न हुआ इसलिए धार्मिक ग्रंथों में शंख को लक्ष्मी जी का भाई बताया गया है।


जिस तरह देवी लक्ष्मी को घर में स्थापित करने के लिए पूजा-अर्चना और उपाय किए जाते हैं, उसी तरह देवी लक्ष्मी के भाई को भी घर ले आएं और फिर देखें चमत्कार क्योंकि माना जाता है कि जिस घर में शंख होता है, वहां लक्ष्मी का वास होता है। भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी दोनों सदैव अपने हाथ में शंख धारण किए रखते हैं।


प्रथम प्रहर में पूजन करने से मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। द्वितीय प्रहर में पूजन करने से धन- सम्पत्ति में वृद्धि होती है। तृतीय प्रहर में पूजन करने से यश व कीर्ति में वृद्धि होती है। चतुर्थ प्रहर में पूजन करने से संतान प्राप्ति होती है। 


Shankh benefits शंख को घर में प्रतिष्ठित करने से वास्तुदोष समाप्त होते हैं। 

दक्षिणावर्ती शंख के पूजन से घर में खुशहाली आती है और लक्ष्मी प्राप्ति के साथ-साथ सम्पत्ति भी बढ़ती है। 

जिस घर में शंखनाद और शंख पूजन होता है वहां लक्ष्मी स्थाई रूप से निवास करती हैं। 

इस मंगलचिह्न को घर के पूजा स्थल में रखने से जहां अरिष्टों और अनिष्टों का नाश होता है, सौभाग्य वृद्धि भी होती है।

शंख से निकलने वाली ध्वनि जहां तक जाती है वहां तक बीमारियों के कीटाणुओं का नाश हो जाता है।

खांसी, दमा, पीलिया, ब्लड प्रेशर या दिल से संबंधित मामूली से लेकर गंभीर बीमारी से छुटकारा पाने के लिए प्रतिदिन शंख बजाएं।

शंख में रखे पानी का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं।  

 

Niyati Bhandari

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