बेलपत्र से होता है पाप व दरिद्रता का अंत और वैभवशाली जीवन का आरंभ

Tuesday, Jul 21, 2015 - 10:47 AM (IST)

भगवान शिव को बेल पत्र परमप्रिय है। यह बात तो सभी को पता है लेकिन क्या आप जानते हैं भगवान शिव के अंशावतार हनुमान जी को भी बेल पत्र अर्पित करने से प्रसन्न किया जा सकता है और लक्ष्मी का वर पाया जा सकता है। घर की धन-दौलत में वृद्धि होने लगती है। अधूरी कामनाओं को पूरा करता है सावन का महीना शिव पुराण अनुसार सावन माह के सोमवार को शिवालय में बेलपत्र चढ़ाने से एक करोड़ कन्यादान के बराबर फल मिलता है।
 
कुछ विशेष दिनों में ही प्राप्त करें साल भर की पूजा का फल
 
बेलपत्र का चमत्कारी वृक्ष हर कामना को पूरी करता है। यही नहीं उसके पत्तों को गंगा जल से धोकर उन्हें बजरंगबली पर अर्पित करने से मिलता है तीर्थों का फल। 
 
इसके बारे में संत शिरोमणि गोस्वामी तुलसीदास जी ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के मुख से कहलवाया है, ''शिवद्रोही मम दास कहावा. सो नर सपनेहु मोहि नहिं भावा.'' 
 
अर्थात: जो शिव का द्रोह करके मुझे प्राप्त करना चाहता है, वह सपने में भी मुझे प्राप्त नहीं कर सकता इसलिए श्रावण मास में शिव आराधना के साथ श्रीरामचरितमानस पाठ का बहुत महत्व होता है। 
 
बेल के पेड़ की जरा सी जड़ सफेद धागे में पिरोकर रविवार को पहनें इससे रक्तचाप, क्रोध और असाध्य रोगों से निजात मिलेगा।
 

बिल्व पत्र को श्री वृक्ष भी कहा जाता है। बिल्व पत्र का पूजन पाप व दरिद्रता का अंत कर वैभवशाली बनाने वाला माना गया है। घर में बेल पत्र लगाने से देवी महालक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं। इन पत्तों को लक्ष्मी का रूप माना जाता है। इन्हें अपने पास रखने से कभी धन-दौलत का अभाव नहीं होता। 

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