DOOR BELL पैदा करती है घर में कलह का वातावरण जानें, कारण और निवारण

Sunday, Jul 19, 2015 - 01:19 PM (IST)

वास्तु में किसी वस्तु के रख-रखाव के ढंग को उत्तम कला माना जाता है। अगर हम किसी वस्तु को वास्तु के नियम अनुसार प्रयोग न कर मनचाहे ढंग से प्रयोग करें तो हमारे लिए अलाभप्रद होगा। इसके साथ ही साथ इन सभी का हमारे मन व स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव पड़ेगा। यही कारण है कि वास्तु शास्त्र में किसी वस्तु की अनुकूलता व उपयोगिता दोनों पर जोर दिया जाता है जिससे कोई वस्तु मन की वृत्ति पर गलत असर न डाले।

आधुनिक समय में जहां एक ओर वास्तु का विशेष जोर है दूसरी ओर दरवाजों पर अधिक प्रैशर वाली तथा लम्बे समय तक बजने वाली घंटियां लगाई जाती हैं जो परिवार के लोगों को अशांत रखने तथा मानसिक तनाव बढ़ाने में पूर्ण योगदान देती हैं जिससे उत्पन्न ध्वनि परिवार के लोगों पर गहरा प्रतिकूल प्रभाव डालती है। फलस्वरूप परिवार के लोग अशांत ही नहीं, धीरे-धीरे चिड़चिड़े स्वभाव वाले होने लगते हैं जिसके कारण अन्य संबंधी व समाज के लोग उनकी निंदा करने लगते हैं। ये परिणाम अधिकतर तीव्र ध्वनि तथा लम्बे समय तक बजने वाली घंटियों के कारण बनते हैं।

दरवाजे पर लगी घंटियों की आवाज होती तो बड़ी मधुर है लेकिन बड़े लम्बे समय तक बजती है जिससे परिवार के लोगों के मन में विकृति आ जाती है तथा धीरे-धीरे उनके व्यवहार में अंतर दिखलाई देने लगता है। तीव्र गति से बजने वाली घंटी से तो परिवार के लोगों की व्यवहार कुशलता चली जाती है तथा वे एक-दूसरे से घृणा करने लगते हैं। इसके परिणामस्वरूप परिवार में कलह के बादल मंडराने लगते हैं।

वैसे वास्तु के अनुसार दरवाजे पर घंटी का होना अति आवश्यक माना जाता है। अगर हमारे दरवाजे पर घंटी नहीं है तो आगंतुक लोग दरवाजा खटखटाएंगे या पीटेंगे या थपथपाएंगे जिसका मानव की प्रवृत्ति पर गहरा असर पड़ता है। 

इसी कारण वास्तु इसको निषेध मानता है इसीलिए दरवाजे पर घंटी का होना तो अति आवश्यक है। दरवाजे पर घंटी के अभाव में दरवाजे के खटखटाने व थपथपाने से परिवार में शांति भंग होने से कलह का वातावरण बन जाएगा।

वास्तुशास्त्रियों का ऐसा भी मत है कि अगर सुबह-सुबह कोई हमारे दरवाजे को खटखटाता या पीटता या फिर थपथपाता है तो हमारे पूरे दिन की दिनचर्या पर गहरा प्रभाव पड़ता है, इसीलिए दरवाजे पर घंटी का लगाना तो अति आवश्यक है लेकिन घंटी लगाते समय यह ध्यान रखा जाए कि दरवाजे की घंटी अधिक देर तक बजने वाली व तीव्र ध्वनि वाली नहीं होनी चाहिए।

इसके साथ-साथ ऐसी घंटी जो मधुर ध्वनि वाली हो लेकिन अधिक लम्बे समय तक चलती हो, का भी मन पर प्रतिकूल असर पड़ता है। ऐसी घंटी जो अधिक दबी हुई आवाज या फटी-फटी आवाज से बजती हो, को भूल कर भी नहीं लगाना चाहिए।

वास्तु शास्त्रानुसार मधुर व थोड़े समय तक बजने वाली दरवाजे की घंटी को अति उत्तम माना जाता है जो परिवार जनों के मन के अनुकूल एवं परिवार के लोगों को प्रसन्नता देने वाली होती है। तीव्र तथा लम्बे समय तक बजने वाली घंटी को वास्तु शास्त्र में अशुभ माना जाता है।

—पं. श्रीनिवास शर्मा 

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