गुरु व शुक्र आ गए अत्यधिक निकट किस राशि पर आ रहे हैं आर्थिक संकट

Friday, Jul 03, 2015 - 08:20 AM (IST)

ज्योतिषशास्त्र में देवगुरु बृहस्पति को प्राणदायक रूप मे जाना जाता है । बृहस्पति प्राण वायु में निवास करते हैं । भूमि आकाश व जल के सभी प्राणियों मे बृहस्पति की मान्यता रहती है । जब तक बृहस्पति का प्रभाव है तब तक जीव का आस्तित्व है । जैसे ही बृहस्पति का प्रभाव समाप्त होता है जीव का आस्तित्व समाप्त हो जाता है ।

कालपुरुष सिद्धान्त अनुसार बृहस्पति का व्यक्ति के शाशन, धर्म, भाग्य व स्वास्थ पर अधिपत्य है । ज्योतिषशास्त्र में दैत्यगुरू शुक्र को "काम" रूप में जाना जाता है अतः यही पौरुष व प्रकृति का मिलन करवाते हैं । शुक्र भोग सौंदर्य, भौतिकता, धन व कामसुख को प्रदर्शित करते है व बली होने पर आजीवन लक्ष्मी देते है । कालपुरुष सिद्धान्त अनुसार शुक्र धन व भौतिकता है वहीं गुरु अनुशाशन धर्म व राजनीति है।

जन्मकुंडली में आर्थिक स्थिति हेतु दूसरा, पंचवा, नवा व ग्यारहवां भाव विचारणीय है । बृहत् पराशर होरा शास्त्र अनुसार जैसे शिव-शक्ति से मिलन पर स्रजन या विघटन होता है । ठीक उसी प्रकार जब केंद्र केंद्रधिपति त्रिकोणअधिपत से संबंध बनाता हैं तो आर्थिक व राजनीतिक उथलपुथल होती हैं ।

पराशरीय नियमानुसार केंद्र व त्रिकोण के स्वामियों का मेल आर्थिक शुभफल व राजनीतिक अशुभ फल देता है । कालपुरुष सिद्धान्त अनुसार गुरु कुंडली के नवें भाव अर्थात त्रिकोण नियंत्रित करते है व शुक्र कुंडली के सातवें भाव अर्थात केंद्र को नियंत्रित करते हैं । गुरु व शुक्र की युति आध्यात्मिक व शाशन को भौतिकता की ओर ले जाती है । प्रशाशन भौतिकता मे लिप्त दिखाई पड़ता है । पिछले दिनों हुई राजनैतिक उथलपुथल इसी युति का ही नतीजा है ।

वर्ष 2015 में देवगुरु बृहस्पति व दैत्यगुरू शुक्र की युति हो गई है । बृहस्पति वर्तमान स्थिति में कर्क राशि में आश्लेषा नक्षत्र में गोचर कर रहे हैं तथा शुक्र भी शनिवार दिनांक 30.05.15 से कर्क राशि में गोचर कर रहे हैं तथा वर्तमान स्थिति में शुक्र भी आश्लेषा नक्षत्र में गोचर कर रहे हैं तथा गुरु व शुक्र के बीच 5 अंश से भी कम का फर्क चल रहा है । यह क्रम गुरुवार दिनांक 16.07.15 तक गुरु के राशि परवर्तन के पश्चात तक जारी रहेगा ।

रविवार दिनांक 05.07.15 को दैत्यगुरू शुक्र अपने मित्र चंद्रमा की राशि को त्यागकर अपने प्रबल शत्रु सूर्य की राशि सिंह में प्रवेश कर रहे हैं तथा देवगुरु बृहस्पति की शुक्र से पुनः युति मंगलवार दिनांक 14.07.15 को होने जा रही है । तो जानते हैं की गुरु-शुक्र का मेल किस राशि के लिए क्या ला रहा है।

मेष: गुरु-शुक्र के मिलन से आपको अनावश्यक व्यय से राहत मिलेगी । मान-प्रतिष्ठा में कमी आएगी व धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी व समय भोग विलासिता में बीतेगा ।

वृष:
गुरु शुक्र का मेल आपके जीवन की आर्थिक अनियमितताएं समाप्त करेगा। समय बेहतर बनेगा। ज्ञान पाने की सही दिशा मिलेगी व मन नए साथी पाने की चाहत में लगा रहेगा ।

मिथुन: बृहस्पति व शुक्राचार्य के मिलन से आप लव लाइफ, भोग विलासिता व करियर में सफलता पाएंगे। प्रेमी के साथ तालमेल बेहतर होगा व मेहनत से कार्यक्षेत्र में प्रगति होगी।

कर्क: शुक्र-गुरु की युति जीवन के हर क्षेत्र में आपका साथ देगी। मेहनत से वांछित परिणाम मिलेंगे लेकिन सेहत बिगड़ेगी तथा किसी नए रिश्ते के कारण वादविवाद की स्थिति बन सकती है।

सिंह: गुरु और शुक्र के मिलन के कारण आपको वाहन चलाते समय अधिक सतर्क रहने की की सलाह दे रहा है । परिजनो का स्वास्थ्य बिगड़ेगा तथा अस्पताल के खर्चों में वृद्धि होगी ।

कन्या: बृहस्पति व शुक्राचार्य के मिलन से आपकी अधूरी इच्छाएं पूरी होंगी । घर व गाड़ी खरीदने का सपना पूरा हो सकता है । आर्थिक संपन्नता संग खुशियां भी दरवाज़ा खटखटाएंगी ।

तुला: शुक्र-गुरु की युति कड़ी मेहनत से करियर में आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करेगी । नौकरीपेशा वर्ग को प्रमोशन मिलने की संभावना है । भाईबहन को समस्या हो सकती है ।

वृश्चिक: गुरु-शुक्र के मिलन से आय व आमदनी में बढ़ौतरी होने के आसार बन रहे हैं। पारिवारिक संपत्ति से लाभ होगा। संतान सुख मिलेगा। ज्योतिष व दार्शनिक ज्ञान में रूचि बढ़ेगी ।

धनु: शुक्र-गुरु की युति से आपको स्वास्थ्य को लेकर सतर्कता बरतने की संकेत दे रही है । ड्राइविंग में सतर्कता बरतें, दुर्घटना के योग हैं । मकान या वाहन बदलने के प्रबल योग बन रहे हैं ।

मकर: गुरु और शुक्र के मिलन से विदेश यात्रा के प्रबल योग बन रहे हैं । सभी यात्राएं आपके लिए आर्थिक रूप से लाभदायक होने की संभावना है । मन काम क्रीडा की ओर लालायित होगा ।

कुंभ: बृहस्पति व शुक्राचार्य के मिलन से आपको आर्थिक समयाएं आ सकती हैं । कुछ कर्ज लेना पड़ सकता है । लोन आवेदन में सफलता मिलेगी । मित्रों का भी पूरा सहयोग मिलेगा ।

मीन: शुक्र-गुरु की युति के कारण आपके करियर में ग्रोथ के योग बन रहे हैं । कंसल्टेंसी प्रोफैशन में क्लायंट लाभांवित होंगे । करियर में पहचान व स्टेटस बनेगा । मन में रसिक भाव उत्तपन्न होंगे । 

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

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