ससुराल से हैं परेशान तो सदा ध्यान रखें ये बात

Wednesday, May 20, 2015 - 10:33 AM (IST)

एक बार एक सैनिक की नियुक्ति रेगिस्तानी इलाके में हो गई। उसकी पत्नी को भी वहीं रहने जाना पड़ा लेकिन उसे धूल बिल्कुल पसंद नहीं थी। शहरी माहौल में पली-पढ़ी इस महिला को वहां के स्थानीय निवासियों का साथ भी पसंद नहीं था। वह उन्हें बहुत पिछड़ा और गंवार समझती थी। एक दिन दुखी होकर उसने अपने माता-पिता को खत लिखा कि वह अब और बर्दाश्त नहीं कर सकती। सब कुछ छोड़कर मायके आना चाहती है। यहां रहने से तो जेल में रहना अच्छा है।

जवाब में उसके जेलर पिता ने उसे दो पंक्तियां लिख भेजीं- ‘‘दो कैदियों ने एक साथ जेल के बाहर देखा पर एक ने आसमान में तारे देखे जबकि दूसरे ने जमीन में कीचड़।’’ 
 
यह पढ़कर महिला सोच में पड़ गई। उसे लगा पिता ने ठीक लिखा है। ये दुनिया इतनी बुरी भी नहीं है। उसने स्थानीय लोगों से मेल-जोल बढ़ाना शुरू कर दिया। वे लोग उसे अपनी कला के उत्कृष्ट व प्रिय नमूने भेंट में देने लगे। अब वह रेगिस्तान में उगते और डूबते सूरज का बड़े मनोयोग से नजारा लेती।
 
वही रेगिस्तान था और वहां रहने वाले लोग भी वही थे। कुछ भी नहीं बदला था। दरअसल उसका मन बदल गया था। जो चीजें पहले उसे कष्टकारी लगती थीं, उन्हें उसने अत्यंत रोचक और रोमांचकारी अनुभवों में बदल लिया था। इस तरह वह उसी पुरानी दुनिया में नए नजरिए के साथ खूब खुश होकर रहने लगी।
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